कौन कहता है बादशाह सलामत की लोकप्रियता घट रही है!
बादशाह की लोकप्रियता में गिरावट से पार्टी में अंदर खाने बैचैनी बनी हुई है.;
बादशाह सलामत 23 जून को महाराजा तुकोजीराव होलकर के शहर इंदौर में अपनी तशरीफ ले जा रहे हैं। इस 'मुबारक' मौके पर सूबे के खब्तुलहवास वजीर-ए-आला के हुक्म से एक हजार से अधिक बसें भीड जुटाने के लिए लगा दी गई हैं।
विश्वविद्यालय के भ्रष्ट और नाकारा कुलपति ने वजीर-ए-आजम की सभा में लगभग 20 हजार छात्रों की हाजिरी सुनिश्चित करने की कोशिश के तहत तमाम परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। निर्लज्ज और मूर्खतापूर्ण सफाई यह दी गई है कि छात्र हुजूर-ए-आला की तकरीर सुनना चाहते हैंं।
जिले में तमाम सरकारी महकमों के कारिंदों को फरमान जारी कर दिया गया है कि वे अपने परिवार के साथ बादशाह सलामत की तकरीर सुनने के लिए मौके पर हाजिर रहें। इसके अलावा भीड जुटाने के सिलसिले में मशहूर पॉप-रॉक गायक कैलाश खैर की संगीत प्रस्तुति भी रखी है। कौन कहता है कि सरकार बहादुर की लोकप्रियता पैंदे में बैठ रही है!