बीजेपी की महाराष्ट्र में जीत की खुली पोल, सच्चाई जानकर हो जायेंगे हैरान!
महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजों को लेकर एक अजीबोगरीब हालात हो गई है. बीजेपी दावा कर रही है कि उसके सबसे ज्यादा उम्मीदवार चुनकर आये हैं तो वहीं विपक्ष आरोप लगा रही है कि गुजरात चुनाव में लाभ पाने के लिये बीजेपी झूठ बोल रही है.
क्या है पूरा मामला
6 अक्टूबर को महाराष्ट्र के विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, पश्चिम महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के 3,131 ग्राम पंचायत में चुनाव हुए थे. इन चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गये हैं. अब तक कुल 2,974 जगहों के नतीजे घोषित हुए हैं जिसमें बीजेपी का दावा है कि उनके 1457 उम्मीदवार जीते हैं.
इन सभी उम्मीदवारों को बीजेपी ने समर्थन दिया था. बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि करीब 50 फीसदी से ज्यादा सीटें जीतकर बीजेपी पंचायत चुनाव में नंबर 1 पार्टी बन गयी है.
पीएम ने दी बधाई
पंचायत चुनाव में मिली जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम फडणवीस और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रावसाहेब दानवे को मुबारकबाद देते हुए जनता का शुक्रिया अदा किया
I congratulate @BJP4Maharashtra, @Dev_Fadnavis and @raosahebdanve for the impressive performance in Gram Panchayat polls across the state.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2017
Wonderful victory of @BJP4Maharashtra in rural areas shows the unwavering support of the farmers, youth & poor for BJP's development agenda.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2017
झूठ बोल रही है बीजेपी
एनसीपी नेता धनंजय मुंडे का आरोप है कि पंचायत चुनाव में बीजेपी 1 नहीं बल्कि 3 नंबर की पार्टी है. सबसे ज्यादा उम्मीदवार उनके और कांग्रेस के जीते हैं. शुरुआती नतीजों के आधार पर बीजेपी जनता को गुमराह कर रही है और पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत का ढिंढ़ोरा पीटकर गुजरात चुनाव में फायदा उठाना चाहती है. बीजेपी के बताए आंकड़े झूठे और बेबुनियाद हैं.
'कौन सच्चा कौन झूठा' का क्या है पेंच
दरअसल पंचायत चुनाव में कोई भी उम्मीदवार किसी भी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर लड़ता नहीं है. सभी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर होते हैं. चूंकि ये चुनाव काफी छोटा होता है इसलिये आमतौर पर माना जाता है कि ये चुनाव सिर्फ गांव तक सीमित होता है. मतदाता भी ज्यादा नहीं होते. ऐसे में यहां के मुद्दे सिर्फ गांव से जुड़े होते हैं.
गांव के लोगों के आपसी समीकरण कैसे हैं, गांव की सियासत कैसी है उसी पर ही पूरा चुनाव लड़ा जाता है. कई बार गांव के लोग सहमति से एक ही उम्मीदवार खड़ा करते हैं तो कई बार कई गुट एक साथ मिलकर अपना-अपना उम्मीदवार तय करते हैं.
अब तक जितने भी उम्मीदवारों के जीतने की जानकारी आयी हैं वो सभी निर्दलीय हैं. भले ही वो किसी पार्टी के समर्थक हों या किसी पार्टी ने उन्हें अपना समर्थन दिया हो. लेकिन टेक्निकली देखा जाये तो वो निर्दलीय ही हैं इसलिये विपक्ष ने भी सवाल पूछा है कि आखिर किस आधार पर बीजेपी जीते हुए उम्मीदवारों को अपनी पार्टी का बता रही है.
क्या है चुनाव आयोग का कहना
चुनाव आयोग का कहना है कि पंचायत चुनाव में सभी निर्दलीय हैं. वो अपने चिन्ह पर लड़े हैं ना की किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर. हमारे पास भी अब तक पूरे आंकड़े नहीं आये हैं. ऐसे में कौन नंबर 1 बना है, ये कहना फिलहाल मुश्किल है. सभी नतीजे आने के बाद ही इस पर कुछ कह सकते हैं.
बीजेपी ने दावा किया है कि वो जल्द अपने जीते हुए समर्थित उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी तो वहीं विपक्ष ने भी कहा है कि सभी नतीजे आने के बाद वो भी अपनी लिस्ट जारी करेंगे. दोनो पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप के बीच कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ ये तभी साफ हो पायेगा जब चुनाव के पूरे नतीजे आ जायेंगे और जीते हुए उम्मीदवार किसी पार्टी को समर्थन देंगे.