सियाचिन के जांबाज लांस नायक हनुमंतप्पा का निधन, सुबह 11:45 पर ली अंतिम सांस

Update: 2016-02-11 08:02 GMT


नई दिल्ली: सियाचिन में बर्फ के नीचे से छह दिन बाद जिंदा निकले लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ अब हमारे बीच नहीं रहे। दिल्ली के आर्मी अस्पताल में 11.45 पर उन्होंने आखिरी सांस ली। इससे पहले खबर मिली थी कि उनकी हालत और बिगड़ गई है और वह गहरे कोमा में चले गए हैं। उनके दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही थी। जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई। हनुमनथप्पा के शरीर के कई अंग काम नहीं कर रहे थे, उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया के लक्षण पाए गए थे, उनकी हालत बेहद गंभीर बताई गई थी।

दो लोगों ने की किडनी दान करने की पेशकश
जांबाज लांसनायक को बचाने के लिए यूपी के दो लोग आगे आए हैं. लखीमपुर खीरी जिले की एक महिला और एक रिटायर्ड सीआईएसएफ हेड कॉन्स्टेबल प्रेम स्वरूप ने अपनी किडनी देने की पेशकश की है. सरिता नाम की इस महिला ने कहा, 'जब देश के लिए एक जवान अपनी जान दे सकता है तो क्या मैं अपनी किडनी भी नहीं दे सकती.'

क्या हुआ था उस दिन सियाचिन में
सियाचिन में जो आफत हमारी पेट्रोल पार्टी पर टूटी उसे कुछ यूं समझिए कि बर्फ का एक बड़ा पहाड़ टूटकर आ गिरा। इस पहाड़ की लंबाई करीब 1000 मीटर और चौड़ाई 800 मीटर थी। इसके टूटते ही बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानें जवानों पर गिर गईं।

देशभर में हनुमंतप्पा के लिए प्रार्थना
लांसनायक हनुमंतप्पा की सलामती के लिए देशभर में प्रार्थना की गई। मंदिर से लेकर मस्जिद तक उनके लिए प्रार्थना की गई। ओडिशा के पुरी बीच पर मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने हनुमंतप्पा की 5 फुट ऊंची एक कलाकृति बनाई। इस पर pray for हनुमंतप्पा, get well soon यानी जल्द स्वस्थ होने का संदेश लिखा गया था।

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