JNU विवाद में अब राहुल गांधी और हुर्रियत भी कूद पड़े हैं

Update: 2016-02-13 03:36 GMT


नई दिल्ली: हुर्रियत कान्फ्रेंस के दोनों धड़ों ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किए जाने की निन्दा की और कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया। जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू स्टूडेंट यूनियन (JNUSU) के प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार को अरेस्ट कर लिया गया था।

कन्हैया को संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की फांसी के खिलाफ परिसर में कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। हुर्रियत के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने यहां एक बयान में कहा, जेएनयू के छात्र के खिलाफ पुलिस कार्रवाई अलोकतांत्रिक है। हुर्रियत के कटटरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने एक अलग बयान में कन्हैया की गिरफ्तारी और छात्रों तथा प्रोफेसर एसएआर गिलानी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की निन्दा की।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जेएनयू जैसे संस्थान पर अपनी धौंस जमा रही है जो पूरी तरह से निंदनीय है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत विरोधी भावना को स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने टवीट किया, भारत विरोधी भावना स्वीकार्य होने का कोई सवाल ही नहीं है जबकि असहमति और चर्चा का अधिकार लोकतंत्र का आवश्यक तत्व है। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद राहुल की टिप्पणी आई है।

वीडियो फुटेज के जरिए बाकी आरोपियों की पहचान की जा रही है। पेशी के दौरान कोर्ट ने कन्हैया से पूछा उन्हें कैसी आजादी चाहिए? इस पर स्टूडेंट लीडर ने कहा,''नारेबाजी के दौरान मैं मौजूद नहीं था।''

दिल्ली की एक अदालत ने देशद्रोह के एक मामले में कन्हैया कुमार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। इस बीच, पुलिस ने कहा कि कन्हैया और फरार चल रहे पांच अन्य आरोपियों के आतंकवादी संगठनों से कथित रिश्तों की जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि अन्य आरोपियों की पहचान के लिए कन्हैया से हिरासत में पूछताछ जरूरी है।

सुनवाई के दौरान पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट लवलीन के सामने एक कंप्यूटर पर वीडियो फुटेज चलाकर दिखाया । इस पर न्यायाधीश ने कन्हैया से सवाल किया कि वे कौन सी आजादी मांग रहे थे। इस पर कन्हैया ने कहा कि वह सभी को नहीं जानते, क्योंकि उनमें से कुछ जेएनयू के नहीं बल्कि बाहरी थे।

सुनवाई के दौरान पुलिस ने दावा किया कि पांच अन्य आरोपी - ओमर खालिद, अनंत प्रकाश, रमा नागा, आशुतोष और अनिर्बान - जेएनयू परिसर से फरार हैं। शुरू में कन्हैया ने अदालत को बताया कि वह वीडियो फुटेज में नहीं थे लेकिन पुलिस ने उनकी मौजूदगी का दावा किया। इस पर, आरोपी ने सफाई दी कि वह फुटेज में उस वक्त दिखे हैं जब वह झड़प रोकने की कोशिश कर रहे थे।

जेएनयू के प्रोफेसरों का कहना है कि यूनिवर्सिटी के कैंपस में पुलिस की मौजूदगी से छात्रों के साथ प्रोफेसर भी परेशान हैं। प्रोफेसरों का कहना है कि पुलिस की ऐसी कार्रवाई अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रा का हनन है। छात्रों ने वाइस चांसलर के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी किया।

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