गडकरी बोले, 12 मंजिल सीढ़ियां चढ़ कर पद्मभूषण मांगने मेरे घर आई थीं आशा पारेख

Update: 2016-01-03 08:15 GMT



नई दिल्ली : गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख के बारे में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ऐसा दावा किया है जिससे पद्म पुरस्कारों को लेकर नया विवाद खड़ा हो सकता है। गडकरी ने एक वाकये का जिक्र करते हुए दावा किया है कि आशा पारेख ने उनसे पद्म भूषण मांगा था।

गडकरी ने कहा कि आशा पारेख पद्मभूषण पाने की उम्मीद में मुंबई में मेरे घर पहुंच गई थी. लिफ्ट खराब थी, फिर भी वह 12 मंजिलें चढ़कर आ गई थीं। बड़ा खराब लगा था। गडकरी ने दावा किया कि आशा पारेख ने उनसे कहा था कि 'मुझे पद्मश्री मिला है, जबकि भारतीय सिनेमा में मेरे योगदान के लिए मुझे पद्मभूषण मिलना चाहिए था। गडकरी ने कहा कि पद्म पुरस्कार के लिए होने वाली सिफारिशें नेताओं के लिए सिरदर्द बन गई हैं।

हालांकि आशा पारेख ने नितिन गडकरी के दावे का तुरंत खंडन करते हुए कहा कि मैंने पद्म भूषण पुरस्कार के लिए कभी लॉबिंग नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं इससे ज्यादा कुछ भी नहीं कहना चाहती।

1942 में जन्मीं आशा पारेख ने 1959 से 1973 तक बॉलिवुड फिल्मों में अभिनय किया था। उन्हें हिंदी सिनेमा की सदाबहार अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है। अभिनेत्री आशा पारेख को 1992 में पद्मश्री मिला था। पारेख ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत बतौर बाल कलाकार 1952 में फिल्म 'आसमान' से की थी। बाद में उन्होंने ‘कटी पतंग’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘दो बदन’, ‘प्यार का मौसम’, ‘बहारों के सपने’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं. 2002 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड भी मिला था।

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