केजरीवाल ने मोदी से मांगा इस्तीफा, कहा-मेरा नाम सुनते ही तिलमिला जाते हैं पीएम

Update: 2015-12-22 13:26 GMT



नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बीजेपी की जीत का रथ रुक गया। वो हार प्रधानमंत्री बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी कई बीजेपी के सीनियर नेताओं से बात हुई तो उन्होंने बताया कि जब भी मेरा जिक्र होता है तो पीएम तिलमिला जाते हैं। उनका खून खौल जाता है।




केजरीवाल ने कहा कि मैं दो-तीन बार पीएम से मिला। उनसे कहा कि अड़चन डालना बंद कर दें। हमें सहयोग दें तो मैं दिल्ली को साफ सुथरा करके दिखा दूंगा, लेकिन वो नहीं माने। केजरीवाल ने कहा कि पीएम को शर्म आनी चाहिए। जब भी प्रधानमंत्री के सामने केजरीवाल का नाम आता है तो उनका खून खौल जाता है। हम दिल्ली की जनता के हित में काम कर रहे हैं। राजनीति चुनाव से पहले होना चाहिए। मैं और मेरे मंत्री केंद्र सरकार के पास जा रहे हैं और सरकार से सहयोग मांग रहे हैं।

केजरीवाल ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से कहा कि आप जंग और एसीबी से परेशान करना छोड दो तो मोदी जी के हर प्रोग्राम को हम पूरा करके दिखाएंगे। दिल्ली को 1 साल में स्वच्छ करके दिखाएंगे। ओबामा अगली बार आएंगे तो आपकी ही तारीफ होगी।

DDCA घोटोले को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी केजरीवाल ने हमला किया। केजरीवाल ने कहा, कोर्ट में जाकर जेटली ने अच्छा किया और सब साफ हो जाएगा। कोर्ट का नजारा शानदार होगा। जेटली ने मुझ पर मानहानि का केस करके अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है।

केजरीवाल सीबीआई छापे को लेकर पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने कहा '15 दिसंबर को जो कुछ हुआ वह भारत के इतिहास में शर्मनाक दिन है। शर्म आनी चाहिए भारत के पीएम को कि उन्होंने ऐसी हरकत की है।'

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 2018 तक अपनी बात नहीं मानने वालों को साफ करने का प्लान बना रखा है। पीएम मोदी विपक्षी नेताओं को कुचलना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, आप दूसरे नेताओं और पार्टियों को डरा सकते हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल को नहीं। पीएम मोदी की मंशा है, न काम करूंगा, न काम करने दूंगा, वो बस दुनिया घूमने का सपना पूरा कर रहे हैं।

केजरीवाल ने पीएम मोदी के विदेश दौरों को लेकर भी तंज कसा। केजरीवाल ने कहा पीएम मोदी जब विदेश दौरों पर होते हैं, तो दिल्ली में सबकुछ ठीकठाक होता है। लेकिन जैसे ही वह विदेश दौरों से लौटकर आते हैं, दिल्ली के कामकाज में गड़बड़ी शुरू हो जाती है।



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