सरकार ने मानी मांग: अन्ना हजारे ने तोडा अनशन, सीएम फडणवीस ने पिलाया जूस

अन्ना सशक्त लोकपाल और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग लेकर अनशन पर बैठे थे, जिसे मोदी सरकार ने मान लिया है।

Update: 2018-03-29 13:16 GMT
नई दिल्ली : समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरुवार को 7 दिन से चल रहे अपने अनशन को तोड़ दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जूस पिलाकर उनका अनशन तुड़वाया। अन्ना सशक्त लोकपाल और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग लेकर अनशन पर बैठे थे, जिसे मोदी सरकार ने मान लिया है।

अन्ना हजारे ने उनके साथ अनशन पर बैठे सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि किसानों की फसल पर डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात सरकार ने मान ली है।

इस दौरान अन्ना ने कहा, 'किसानों के फसल पर जो खर्च होता है, सरकार उनका डेढ़ गुना दाम देने के लिए तैयार है। सरकार जल्द से जल्द लोकपाल नियुक्ति के लिए कार्रवाई करेगी।' अन्ना ने इस बात की भी चेतावनी दी है कि अगर 6 महीने के अंदर उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह दोबारा अनशन पर बैठेंगे।

अन्ना ने आगे कहा, 'सरकार को जनता की भलाई के बारे में सोचना चाहिए, ताकि आंदोलन की नौबत ही ना आए। हम अगस्त तक इंतजार करेंगे। अगर हमारी सभी मांगें पूरी नहीं हुई तो सितंबर में फिर अनशन करेंगे।' महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस और सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन अन्ना का अनशन तुड़वाने के लिए रामलीला मैदान पहुंचे। इस दौरान सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'महावीर के जन्म के दिन अन्ना ने किसानों की मांग को सरकार से मनवाया। 

बता दें कि रामलीला मैदान में सक्षम किसान, सशक्त लोकपाल और चुनाव सुधार की मांगों को लेकर 7 दिन से अनशन कर रहे अन्ना की तबीयत बुधवार को बेहद खराब हो गई थी। उनका साढ़े पांच किलो वजन घट गया था। उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही थी, जिसके कारण वह समर्थकों को संबोधित नहीं कर पा रहे थे।

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