GST काउंसिल का बड़ा फैसला, 177 सामानों पर टैक्स 28% से घटाकर 18%, जानें क्या-क्या हुआ सस्ता

जीएसटी काउंसिल ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए बड़ा फैसला किया है। GST काउंसिल की गुवाहाटी में हो रही 23वीं बैठक में करीब 177 सामानों पर जीएसटी की दरों में कटौती करने का फैसला...

Update: 2017-11-10 13:16 GMT

नई दिल्ली : जीएसटी काउंसिल ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए बड़ा फैसला किया है। जीएसटी काउंसिल की गुवाहाटी में हो रही 23वीं बैठक में करीब 177 सामानों पर जीएसटी की दरों में कटौती करने का फैसला किया गया है।

सूत्रों के अनुसार अब सिर्फ 50 आइटमों पर ही 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। रोजमर्रा की चीजें और ब्यूटी प्रोडक्टस पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा। जीएसटी काउंसिल के इस फैसले से न सिर्फ आम आदमी को फायदा होगा, बल्क‍ि कारोबारियों की सहूलियत भी बढ़ेगी। अब तक इन चीजों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था लेकिन अब यह घटकर 18 प्रतिशत रह जाएगा।

सूत्रों की मानें तो परिषद की 23वीं बैठक के एजेंडा में सबसे ऊपर 227 वस्तुएं हैं जिन पर फिलहाल 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। इनमें से पान मसाला, सीमेंट, मेकअप सामान, कॉस्मेटिक्स, प्री एंड आफ्टर शेविंग सामान, वैक्यूम क्लीनर, निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट, वाशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसी 62 चीजों को छोड़कर बाकी 177 वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की करने पर फैसला हुआ।

ऐसे 228 सामान जिनपर अब तक 28 फीसदी टैक्स लगते थे, अब उनमें से 177 सामान पर 18 फीसदी टैक्स लगेंगे और बाकी 50 सामान पर 28 फीसदी टैक्स लगेंगे। जानिए क्या-क्या हुआ सस्ता- साबुन, डिटरजेंट, हाथ घड़ी, ग्रेनाइट, मारबल, शैंपू, आफ्टर शेव, स्किन केयर, डियोड्रेंट, कैमरे, वॉलेट, शॉपिंग बैग, सूटकेस, च्युइंगम, चॉकलेट। गुवाहाटी में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की 23वीं बैठक हुई।

साथ ही खबर है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में रोजमर्रा इस्तेमाल के कई प्रोडक्ट सस्ते हो सकते हैं, सरकार प्रोडक्ट सस्ते करके लोगों को राहत देने की कोशिश में लगी है इसी फेहरिस्त में AC, नॉन AC रेस्त्रां बीच टैक्स का अंतर खत्म किए जाने की बात समाने आ रही है जिससे कि रेस्टोरेंट में खाना सस्ता हो सकता है। अभी फिलहाल AC रेस्टोरेंट के लिए GST 18% है। जबकि नॉन AC रेस्टोरेंट के लिए मौजूदा GST की दरें 12% है।

सूत्रों के अनुसार इस बैठक में परिषद रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में भी कदम उठा सकती है। बता दें इस टैक्स ब्रैकेट की कटौती के चलते 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है केंद्र सरकार GST से राजनीति दंगल जीतने की तैयारी में है।

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