भारतीय नौसेना में शामिल हुई 'करंज' पनडुब्बी, चीन और पाकिस्तान हुआ बेचैन, जानें खास बातें

रडार की पकड़ में न आने वाली भारत की स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस करंज लॉन्‍च हो गई है। आज मुंबई के मझगांव डॉक पर INS 'करंज' पनडुब्बी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है।

Update: 2018-01-31 06:03 GMT

नई दिल्ली : रडार की पकड़ में न आने वाली भारत की स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आईएनएस करंज लॉन्‍च हो गई है। आज मुंबई के मझगांव डॉक पर INS 'करंज' पनडुब्बी को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है।

इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, 'बेड़े में शामिल किए जाने से पहले एक वर्ष तक यह (पनडुब्बी) कड़े परीक्षणों से गुजरेगी।' करंज मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई स्वदेशी पनडुब्बी है। इस पनडुब्‍बी का निर्माण मझगांव डॉकयार्ड ने फ्रांस के सहयोग से किया हैं।

आधुनिक तकनीक से बनी ये पनडुब्बी कम आवाज से दुश्मन के जहाज को चकमा देने में माहिर है। अत्याधुनिक तकनीक और सटीक निशाने के दम पर समंदर में करंज चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा सकता है।

करंज पनडुब्बी की खासियत की बात करें तो करंज टारपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करती है। रडार की पकड़ में नहीं आती। यह समंदर से जमीन पर और पानी के अंदर से सतह पर हमला करने में सक्षम है।

करंज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजनी है। इस पनडुब्बी में ऑक्सीजन भी बनाया जा सकता है। साथ ही इसमे दुश्मन के इलाके की निगरानी करने के लिए यंत्र लगे हुए हैं। उम्मीद है इसे अगले साल नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।

एमडीएल कुल छह पनडुब्बियों का निर्माण करेगा। इन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस की बड़ी जहाज निर्माता कंपनी नेवल ग्रुप के साथ मिलकर किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले ही महीने स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली पनडुब्बी कलवारी को नौसैनिक बेड़े में शामिल किया था।

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