अंतरिक्ष में भारत की एक और छलांग, ISRO ने सफलतापूर्वक लांच किया GSAT-6A सैटेलाइट

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने एक और कामयाबी हासिल की है। आज गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने GSAT-6A सैटेलाइट का सफलतापूर्वक लांच किया है।

Update: 2018-03-29 12:35 GMT

नई दिल्ली : अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने एक और कामयाबी हासिल की है। आज गुरुवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने GSAT-6A सैटेलाइट का सफलतापूर्वक लांच किया है।

इसका प्रक्षेपण यहां से करीब 110 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से आज शाम 4:56 मिनट पर जीसैट-6ए सैटेलाइट को लॉन्‍च किया गया। इस उपग्रह की उल्टी गिनती बुधवार को दिन में एक बजकर 56 मिनट पर शुरू हुई थी

इसरो ने कहा कि गुरुवार को प्रक्षेपित होने वाले मिशन की उल्टी गिनती मिशन तैयारी समीक्षा समिति और प्रक्षेपण अधिकार बोर्ड से मंजूरी के बाद दिन में एक बजकर 56 मिनट पर शुरू हुई। इसरो ने कहा कि उपग्रह की एक मुख्य बात मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये भारत को मोबाइल संचार प्रदान करना है।

रॉकेट का वजन 415.6 टन है। यह जीएसएलवी की 12वीं उड़ान होगी और स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ छठी उड़ान होगी। उड़ान भरने के 17 मिनट बाद इसके साथ गया उपग्रह इससे अलग हो जाएगा तथा 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित हो जाएगा।

GSAT-6A सैटेलाइट न सिर्फ ISRO के लिए बल्कि देश की सेनाओं के लिए भी काफी अहम है और इसकी सफल लॉन्चिंग इसरो के लिए एक और मील का पत्‍थर माना जाएगा। यह उपग्रह विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन के लिए एक मंच प्रदान करेगा, जिसमें 6 एम एस-बैंड अनफ्लेरेबल एटीना, हैंडहेल्ड ग्राउंड टर्मिनल व नेटवर्क प्रबंधन प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

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