कैलाश सत्यार्थी ने कहा, 'बलात्कारियों को धर्म से बाहर निकालने की घोषणा करें धर्मगुरु'

सत्यार्थी ने कहा कि समाज में बलात्कार की घटनाओं को हतोत्साहित करने के लिए धर्मगुरुओं को आगे आकर कहना चाहिये कि बलात्कारियों को धर्म से बाहर निकाल दिया जायेगा।

Update: 2018-03-21 13:22 GMT
नई दिल्ली : बच्चों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता तथा नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि "बच्चों के प्रति अपराध और बलात्कार की घटनाएँ रोकने का काम सिर्फ पुलिस, गैर-सरकारी संगठन और न्यायपालिका नहीं कर सकती। इसके लिए धर्मगुरुओं को भी आगे आना होगा। कैलाश सत्यार्थी ने ये बात 'कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन' द्वारा मीडिया के लिए आयोजित एक कार्यशाला में कही। 

सत्यार्थी ने ने आज कहा कि समाज में बलात्कार की घटनाओं को हतोत्साहित करने के लिए धर्मगुरुओं को आगे आकर कहना चाहिये कि बलात्कारियों को धर्म से बाहर निकाल दिया जायेगा। उन्होंने बाल अपराध से जुड़े मामलों के जल्द निपटारे के लिए जिला स्तर पर विशेष अदालतों के गठन और एक राष्ट्रीय बाल प्राधिकरण बनाने की अपनी माँगें भी दोहराई। उन्होंने कहा कि ये दोनों माँगें पूरी होने पर कानून और उसके क्रियान्वयन में बाधा बन रही संस्थागत कमी की खाई पट जायेगी। 

नोबल पुरस्कार विजेता ने मीडिया को भी सिर्फ सनसनीखेज खबरों से हटकर इन मामलों की न्यायिक प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी लोगों तक पहुँचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मीडिया और न्यायपालिका की सोच सरकार और पूरी राजनीतिक व्यवस्था की सोच से कहीं आगे है। मीडिया को अपना रुख पेशेवराना रखना होगा तथा पूरी लगन के साथ एक ध्येय के लिए काम करना होगा। 
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