CJI के खिलाफ आएगा महाभियोग, उपराष्ट्रपति से मिले 7 विपक्षी दलों के नेता
विपक्षी नेताओं में गुलाम नबी आजाद, केटीएस तुलसी, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, एनसीपी की वंदना चौहान, सीपीआई के डी. राजा शामिल थे.
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष महाभियोग लाने की तैयारी में जुट गया है. जस्टिस लोया की मौत से जुड़े मामले में निराशा हाथ लगने के बाद विपक्षी पार्टियों ने इस तरफ अपने कदम तेजी से बढ़ा दिए हैं. शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों की कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद की अगुवाई में बैठक हुई. इसके बाद कई विपक्षी दलों के नेता उपराष्ट्रपति को प्रस्ताव सौंपने पहुंचे.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हम लोग ये प्रस्ताव एक हफ्ते पहले ही पेश करना चाहते थे, लेकिन उपराष्ट्रपति जी के पास समय नहीं था. आज हमने राज्यसभा की 7 राजनीतिक पार्टियों के साथ मिलकर राज्यसभा चेयरमैन को महाभियोग का प्रस्ताव सौंप दिया है. उन्होंने कहा कि 71 सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ ये प्रस्ताव सौंपा है. इनमें 7 रिटायर हो चुके हैं. हालांकि, फिर भी यह जरूरी संख्या से अधिक है.
71 MPs had signed the impeachment motion (against CJI) but as 7 have retired the number is now 64. We have more than the minimum requirement needed to entertain the motion and we are sure that the Hon Chairman will take action: Ghulam Nabi Azad after meeting Vice President pic.twitter.com/QYLGXjInjU
— ANI (@ANI) April 20, 2018
ये नेता गए थे उपराष्ट्रपति से मिलने
चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लेकर उपराष्ट्रपति से मिलने पहुंचे. विपक्षी नेताओं में गुलाम नबी आजाद, केटीएस तुलसी, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, एनसीपी की वंदना चौहान, सीपीआई के डी. राजा शामिल थे. हालांकि, आरजेडी और टीएमसी अभी महाभियोग प्रस्ताव की मुहिम से दूरी बनाए हुए हैं.
विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक करने के बाद गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि हम महाभियोग का प्रस्ताव देने के लिए उपराष्ट्रपति के पास जा रहे हैं. हमें सात पार्टियों का समर्थन है, इसमें कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम, एनसीपी, बीएसपी, मुस्लिम लीग और समाजवादी पार्टी शामिल हैं.
सूत्रों की मानें तो 50 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षरों के साथ महाभियोग का प्रस्ताव तैयार है. और इस राज्यसभा चेयरमैन के साथ मुलाकात में ये प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. बताया जा रहा है कि नायडू इस विषय पर एक कमेटी का भी गठन कर सकते हैं.