सरकार का नया प्लान: डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए उठाया अहम कदम

देश में नोटबंदी के बाद बाद से मोदी सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के कई प्रयास कर रही है और काफी हद तक उसमें सफल भी हुई है। लेकिन कुछ समय से

Update: 2018-01-24 10:17 GMT

नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद बाद से मोदी सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के कई प्रयास कर रही है और काफी हद तक उसमें सफल भी हुई है। लेकिन कुछ समय से देखा जा रहा है देश में कैश का इस्तेमाल नोटबंदी से पहले के स्तर पर पहुंच गया है। जिससे सरकार की डिजिटल ट्रांजैक्शन की योजना को बड़ा झटका लगा है।

इसे देखते हुए अब सरकार डिजिटल पेमेंट को दोबारा बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है। जिससे आम आदमी को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक अब सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कैश के इस्तेमाल को महंगा करने की तैयारी में जुट गई है।

इस कोशिश के तहत सरकार बैंक से कैश निकालना मुश्किल करेगी जिसके लिए कैश काउंटर कम करने की सिफारिश की गई है। साथ ही एटीएम से फ्री ट्रांजैक्शन को भी कम करने की तैयारी भी की जा रही है। जिससे अब ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन करना महंगा होगा और डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वालों को तरजीह दी जाएगी।

दरअसल, IT मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को ऐसी ही कुछ अहम सिफारिशें दी हैं। जिसमें डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने वाले बैंक कर्मियों को इंसेंटिव भी दिया जाएगा। साथ ही रिटेलर्स को भी डिजिटल पेमेंट लेने के लिए इंसेंटिव मिलेगा। और रिटेलर्स को पीओएस मशीन फ्री देने की सिफारिश की गई है।

कैश को टैक्स से जोड़ने की भी सिफारिश की गई है। जिसके तहत चुकाए गए टैक्स के हिसाब से कैश निकालने की इजाजत होगी। इससे व्यापारी टैक्स भरने को मजबूर होंगे। अब सरकारी ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल पेमेंट पर जोर होगा। इसमें कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने का बोर्ड लगाने की भी सिफारिश की गई है।

गौरतलब है की इस सिफारिश के तहत डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए अगर कैश के इस्तेमाल को महंगा किया जाता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान पब्लिक को होगा।

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