सरकार का आदेश, टीवी शो में शामिल करें सभी भारतीय भाषाएं,जानिये इनके बारे में

भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए, चैनलों से कहा है

Update: 2019-06-14 11:51 GMT

नईदिल्ली। हिंदी भाषा को बढावा देने के लिए सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने टीवी चैनलों को आदेश जारी करते हुए कहा कि वे जो भी धारावाहिक प्रसारित करते हैं, कार्यक्रम के अंत या शुरुआत में कई बार शीर्षक केवल अंग्रेजी में दिए जाते हैं, भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए, चैनलों से कहा है कि वे उन भाषाओं को भारतीय भाषा में प्रसारित करें जिन्हें वे प्रसारित करते हैं। और भारतीय भाषा के अलावा अगर वे अंग्रेजी में भी शीर्षक और क्रेडिट देना चाहते हैं, तो वे ऐसा करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसलिए हम कुछ भी प्रतिबंधित नहीं कर रहे हैं, हम वास्तव में भारतीय भाषाओं को जोड़ रहे हैं। हम सिनेमा के लिए भी इस तरह के आदेश जारी कर रहे हैं।

बता दें कि भारतीय भाषाओं में हिंदी, बांग्ला, तेलगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, गुजराती, मराठी, उर्दू, संस्कृत, मैथिली, और सिंधी आदि भाषाएं आती हैं।

पिछली मोदी सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे जावड़ेकर द्वारा गठित समिति की ओर से प्रस्तावित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे में गैर-हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी पढ़ाने का सुझाव दिया गया था। मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर उनको सूचना प्रसारण मंत्री का पद मिला है। इससे पहले केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई शिक्षा नीति का ड्राफ्ट पेश किया था। जिसमें त्रिभाषाई फॉर्मूले में हिंदी को अनिवार्य रूप से पढ़ाए जाने की बात की गई थी। दक्षिण भारतीय राज्यों, खासकर तमिलनाडु में इस नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट का बहुत विरोध हुआ था, जिसके बाद इस ड्राफ्ट को वापस ले लिया गया था और यह चयन स्कूलों पर छोड़ दिया गया था कि तीसरी भाषा के तौर पर पढ़ाए जाने के लिए वे किस भाषा का चयन करते हैं।


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