तो क्या 'ताज' में नमाज होगी बंद या मिलेगी इजाजत 'शिव चालीसा' की भी

ताजमहल पर एक बार फिर निशाना साधा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही ताज महल का दौरा कर इसे लेकर जारी विवाद को खत्म करने की कोशिश की हो लेकिन ऐसा लगता है यह सब पूरी तरह नहीं हो पाया।

Update: 2017-10-27 09:55 GMT

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भले ही ताज महल का दौरा कर इसे लेकर जारी विवाद को खत्म करने की कोशिश की हो लेकिन ऐसा लगता है यह सब पूरी तरह नहीं हो पाया। इस बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की इतिहास विंग ने मांग की है कि ताज महल में पढ़ी जाने वाली नमाज बंद की जाए।

गौरतलब है कि, शुक्रवार को ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इतिहास विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति (ABISS) ने अपील की थी कि ताजमहल में शुक्रवार को होने वाली नमाज़ पर रोक लगा दी जाए।

ऐतिहासिक धरोहरों पर गर्व करने के नसीहत को बीजेपी के बाद अब आरएसएस ने भी गंभीरता से नहीं लिया है। ताजमहल पर एक बार फिर निशाना साधा गया है। अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े ऐतिहासिक विंग अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय सचिव बालमुकुंद पाण्डेय ने ताज महल परिसर में मुसलमानों के नमाज अदा करने पर रोक लगाने की मांग की है।

आग में घी डालने का काम करते हुए डॉक्टर पांडे कहते हैं कि अगर नमाज को आगे भी जारी रखा जाता है, तो हिंदुओं को भी यहां शिव पूजा करने की इजाजत मिलनी चाहिए। बता दें कि हिंदू संगठन और भाजपा के कई नेता ताज महल को शिव मंदिर होने की भी बात कर रहे हैं। एक दिन पहले ही खुद यूपी के सीएम योगी आदित्य नाथ ने ताज का दौरा कर वहां सफाई अभियान चलाया था। बीजेपी विधायक संगीत सोम के बाद ताजमहल पर पूरे देश में बहस शुरू हो गई थी। जिसके बाद इस विवाद पर आजम खां, ओवैसी, योगी और मोदी भी ताजमहल के विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

विवाद शुरू होने के बाद हाल ही में हिंदू संगठन के कुछ लोग ताज महल में शिव चालिसा का पाठ करने पहुंचे थे, जिन्हें पुलिस ने वहां से हटा दिया था। संगठनों का दावा है कि ताज महल की जगह पहले हिंदू मंदिर था जिसे हिंदू राजा ने बनवाया था।

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