पुनर्विचार याचिका पर सरकार को झटका, सुप्रीमकोर्ट ने किया स्टे से इंकार
सुप्रीमकोर्ट केंद्र सराकर द्वारा एससी एसटी एक्ट को लेकर डाली पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई कर रहा था.
सुप्रीमकोर्ट केंद्र सराकर द्वारा एससी एसटी एक्ट को लेकर डाली पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई कर रहा था. कोर्ट ने इस बाबत कहा कि हम दस दिन के अंदर इस मामले पर सुनवाई करेगें. इससे सम्बंधित जो भी लोग है उनको अपना पक्ष तीन दिन देना होगा.
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) में बदलाव जारी रहेगा. मंगलवार (तीन अप्रैल) को कोर्ट ने कहा कि इस मामले में किसी प्रकार का स्टे नहीं लिया जाएगा. कोर्ट अपने फैसले पर किसी प्रकार का बदलाव नहीं करेगा. कोर्ट इस मसले पर केंद्र सरकार की ओर से दो अप्रैल (सोमवार) दी गई पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई कर रहा था.
SC/ ST Protection Act case: Supreme Court, while hearing the submissions by the Attorney General, observed, 'we are not against the Act. Innocent should not be punished.'
— ANI (@ANI) April 3, 2018
कोर्ट ने इसी के साथ कहा कि वह इस बाबत 10 दिनों में सुनवाई करेगा. तीन दिनों के भीतर सभी पक्षों को अपनी ओर से जवाब देना होगा. कोर्ट ने इसी के साथ स्पष्ट किया है कि शिकायत दर्ज करने वाले को मुआवजा दिया तुरंत दिया जाए. पीड़ित को किसी भी प्रक्रिया के कारण इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
इस अधिनियम में बदलाब को लेकर सोमवार को दलितों ने भारत बंद आंदोलन बुलाया था. जिसमे अब तक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दस लोंगों की मौत हो चुकी है, कई सरकारी संस्थान और सरकारी सम्पत्ति, रोडवेज बसें , सरकारी गाड़ियाँ आग के हवाले कर दी गई. कई लोग अभी भी जिन्दगी और मौत से संघर्ष कर रहे है.