सुब्रमण्यम स्वामी ने सेना पर हुई एफआईआर को लेकर रक्षा मंत्री पर उठाए सवाल, कही ये बड़ी बात
सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है..
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के शोपियां में सेना के जवानों के खिलाफ फायरिंग करने पर एफआईआर को लेकर बीजेपी के सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है। स्वामी ने अपने ऑफिशयल ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए उन पर सवाल उठाए हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'एफआईआर पर जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के विधानसभा में दिए गए बयान को रक्षा मंत्री सीतारमण ने अस्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इस मुद्दे पर रक्षा मंत्री की एक हफ्ते की खामोशी को पार्टी को नोटिस में लेना चाहिए। हम सेना पर एफआईआर दर्ज किए जाने को स्वीकार नहीं कर सकते।'
Raksha Mantri Ms. Sitharaman has refused to deny the J&K Assembly statement of CM Mehbooba Mufti on the FIR, that RM pre-approved the idea. RM's one week of silence calls for party's notice of issue. We cannot allow the FIR
— Subramanian Swamy (@Swamy39) February 3, 2018
स्वामी के इस हमले पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। बता दें कि पिछले हफ्ते 10 गढ़वाल राइफल्स का 40-50 सैनिकों का काफिला मूवमेंट के लिए बालपुरा से अन्य ठिकाने के लिए निकला था। गनापुरा में कट्टरपंथियों का बड़ा जमावड़ा है। वहां हाल में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी फिरदौस के मारे जाने के बाद से तनाव था। स्थानीय लोगों को जैसे ही सेना के काफिले के मूवमेंट का पता चला तो करीब 100 लोग पत्थरबाजी के लिए जुट गए।
इस बीच सेना के काफिले की 4 गाड़ियां एक मोड़ पर टर्न लेने की जगह 100 मीटर आगे बढ़ गईं, जहां से वापसी के दौरान रफ्तार धीमी होने से चारों गाड़ियां घिर गईं। सेना के जेसीओ ने भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन पत्थरबाजी जारी रही। इस बीच एक पत्थर लगने से जेसीओ बेहोश होकर गिर गए। इसके बाद तीन से चार हवाई फायरिंग कर पत्थरबाजी कर रहे लोगों को चेतावनी दी गई। भीड़ और सैनिकों के बीच फासला जब महज 10 मीटर का रह गया, तब एक सैनिक ने फायरिंग की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई।
इस मामले में पुलिस ने सेना के मेजर और जवानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी जिसके बाद सेना ने भी एक काउंटर एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मसले पर राज्य में सत्ताधारी गठबंधन पीडीपी और बीजेपी के बीच भी तनातनी देखी जा रही है। बीजेपी इस एफआईआर को वापस लेने की मांग कर रही है, जबकि पीडीपी ने इसे खारिज कर दिया है।