बैंकों की स्थिति सुधारने को लेकर मोदी सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम, आपको पता चला?

Modi Government improve status of banks

Update: 2017-05-06 08:49 GMT
नई दिल्ली : मोदी सरकार ने बैंकों की स्थिति सुधारने को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। सरकार मान रही है कि इससे इन सरकारी बैंकों की सेहत सुधरेगी। शुक्रवार को 2 बड़े सरकारी बैंकों के CEO का तबादला किया। सरकार की ओर से यह आदेश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा बैड लोन (NPA) के बोझ को काबू में करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के कुछ ही देर बाद आया।

ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सरकार को लग रहा था कि ये अधिकारी अपने बैंकों की सेहत सुधारने की पर्याप्त कोशिशें नहीं कर रहे थे। इसके अलावा सरकार ने बैड लोन के भार से जूझ रहे कुछ सरकारी बैंकों में 5 नए एमडी और चीफ एग्जिक्युटिव अधिकारी (CEO) भी अपॉइंट किए हैं। 

वही अरुण जेटली ने भी संकेत दिया है कि सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों के कामकाज के तरीके से संतुष्ट नहीं है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ बैंकों के प्रमुख अपना काम ठीक से नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा वे लोग 2-3 साल यूं ही खाली बैठे रहते हैं और कोई फैसला नहीं करते हैं, जिसकी वजह से बैंक पर असर पड़ता है।

मोदी सरकार ने पंजाब नेशनल बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ऊषा अनंथासुब्रमण्यन को पद से हटाकर इलाहाबाद बैंक भेज दिया है। इनकी जगह कॉरपोरेशन बैंक के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर सुनील मेहता लेंगे।

वहीं दूसरी ओर, बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख मेलविन रेगो को सिंडिकेट बैंक भेज दिया है, जिनकी जगह केनरा बैंक के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर दीनबंधु महापात्र लेंगे। पिछले ही महीने आईडीबीआई बैंक के एमडी और सीईओ केपी खरत को इंडियन बैंक भेज दिया गया था और उनकी जगह एमके जैन को लाया गया था।

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