नई दिल्ली : आयकर विभाग ने नोटबंदी के बाद कालेधन का पता लगाने के लिए आज स्वच्छ धन अभियान का दूसरा चरण शुरू किया जिसके तहत 60 हजार लोगों की जांच की जाएगी। नोटबंदी के बाद कालेधन का पता लगाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि अगले चरण के अभियान के तहत जिस श्रेणी के लोगों की विस्तत जांच की जाएगी उनमें ऐसे उद्यमी हैं जो नकद बिक्री को नकद जमा का स्रोत बता रहे हैं। इस श्रेणी में पेट्रोल पंप और अन्य आवश्यक सेवाएं मसलन अस्पताल आदि आते हैं।
आयकर विभाग ने ऐसे 60,000 लोगों की पहचान की है, जिन्होंने इस दौरान भारी बड़ी मात्रा में पांच सौ व हजार के पुराने नोट जमा किए और दावा किया कि यह रकम उन्हें कैश सेल से मिली। इसके अलावा 6,000 से अधिक ऐसे लोगों की पहचान भी की गई है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान महंगी प्रॉपटी खरीदी।
इसके अलावा विदेश पैसा भेजने वाले 6,600 मामलों पर भी विभाग की नजर है। खास बात यह है कि विभाग ने नोटबंदी के बाद 9,334 करोड़ रुपये अघोषित आय पकड़ी है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि विभाग की नजर अब उन कारोबारियों पर है, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान भारी भरकम पुराने नोट जमा किए थे और जब इस बारे में पूछा गया तो दावा किया कि यह नकदी उन्हें कैश सेल्स के जरिये मिली। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभियान का यह चरण शुरू करने से पूर्व संदिग्ध नकद जमा की पहचान के लिए आधुनिक डेटा विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया है।