जब बयानवीर गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया, बलात्कारी मुनि को बचाने हेतु विधान सभा में रोए!
राजस्थान सरकार के बयानवीर गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया ने हाल ही में घटित पहलु खां की बर्बर ह्त्या को जायज ठहराने के लिए बयान दिया था। कटारिया ने कहा था कि मृतक पहलु खां गो तस्करी में लिप्त था उसने राज्य का कानून तोडा था इसलिए उसके विरुद्ध पुलिस ने मुदकमा लिखा है। एक प्रकार से राज्य के बयानवीर गृहमंत्री ने संघ के स्वदेशी आतंकवादीयों की भीड़ के द्वारा किसान गो-पालक पहलु खां की बरबर हत्या को अपनी और से सही ठहराने की भरपूर चेष्ठा की है। यहाँ गोरतलब होगा कि जयपुर नगर निगम के द्वारा लगने वाले सरकारी पशु हटवाडे में मृतक किसान पहलु खां ने अपने दूध डेयरी व्यवसाय के लिए दुधारू गाय खरीदी थी।
देश के किसानों को अब कृषि व्यवसाय में मुनाफे के बजाए घाटा झेलना पड़ता है। किसान वर्ग अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए पशुपालन का व्यवसाय भी करता है। भाजपा को चुनावो में देश के बीफ मांस निर्यात करने वालो ने बड़ी मात्रा में नगद चंदा दिया था। देश के बडे बीफ मांस निर्यातको की सूची में एक भी मुसलमान नही है। भाजपा जो कि मूल रूप से किसान विरोधी और व्यापारी वर्ग की हितेषी पार्टी मानी जाती है। देशभर में भाजपा नेताओं का देश भक्ति, धर्म संस्कृती, गो-माता को लेकर दोहरा व्यवहार सामने आता रहा है। गो हत्या को लेकर भी भाजपा के नेताओ का दोगलापन सामने आ रहा है।
एक और भाजपा शासित राज्यों में राज्य सरकारे स्वयं पशु मेले लगवाकर कर के रूप में राजस्व वसूल रही हैं। वहीं, दूसरी और किसानों की आय का साधन बने पशुधन को खरीदने वाले व्यापारियों पर भी भाजपा समर्थित गुंडों से हमले करवा रही है। इससे एक तो पशुधन का व्यापार चौपट हो रहा है साथ ही दुधारू पशुाओं के व्यापार करने वाले व्यापारियों में लूटे जाने के भय का संचार हो रहा है। वैसे पूरे देश में इस समय भाजपाई अपनी सरकार होने के साथ, बहुसंख्यक होने के घमंड का शिकार बन गये है। इन तथा कथित गौ-भक्तों की गो-भक्ति तभी उफान खाती है जब इनकी आवारा घुमने वाली गो-माता किसी मुसलमान के समीप खड़ी दिखाई देती है। भाजपा वालों के कारण आज देश में भय का माहोल बन गया है। भारत माता गो माता धरती माता के साथ मर्यादा पुरुष भगवान राम के साथ अन्य सभी देवताओ के नाम जब भाजपाई लेते है तो किसी मानव बम बने फिदायीन आत्मघाती हत्यारे के सामने आने जैसा डर लगता है।
अनेक मिथक घढना गो-माता के नाम पर और उनके बल पर मासूमों की हत्या करके वोट बटोरना भाजपा वालों की आदत बन गयी है। राज्य के गृहमंत्री गुलाब चन्द कटारिया भी पूर्णतया: जुमले बाजी करने में माहिर माने जाते हैं। इनका राजनैतिक चरित्र काफी विवादित रहा है। वैसे ये अपने आप को बड़ा ईमानदार मानकर चलते है लेकिन इनके कार्यालय में ही मुकुंद बिहारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इनकी नजरों के सामने लूट मचाता रहता है। शायद उसे काटारिया की आँखे बढती उम्र के प्रभाव के कारण नही देख पाती है। राज्य की राज नीति में बयान वीर कटारिया की विश्वसनीयता बहुत कम बची है। बार बार अपने बयानों से अपनी पार्टी व मुख्यमंत्री तक पर वे भृष्टाचार के आरोप लगाकर स्वयं को बड़ा ईमानदार चरित्रवान समझते हैं। राज्य की जनता को इनका विधान सभा में बलात्कारी जेन मुनि को बचाने के लिए किया गया विधवा विलाप का दृश्य आज तक याद है।
स्व. भेरो सिंह शेखावत की सरकार में पाली जिले के भीनमाल कस्बे में एक जेन मुनि पर बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज हो गया था। जब अपने घरवालों की बात होती है तो इन संघियों के सारे सिद्धांत हवा हो जाते है। ईमानदारी भी इनकी गोभक्ति की तरह लाभ-हानि व समय के हिसाब से बदलती रहती है। भीनमाल की घटना के विरोध में सम्पूर्ण पाली जिले की जनता सडको पर आ गयी थी। दिनों दिन उग्र होती जनता की भीड़ को शांत करने के लिए तब राज्य की सरकार ने स्टेट प्लेन से लियाकत अली को जिले का पुलिस कप्तान बनाकर रातोरात भेजा था। बलात्कारी जैन मुनी को बचाने के लिए तब ये बयानवीर भरी विधान सभा में रो रोकर जेन मुनी को बचाने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री भेरोसिंह से हाथ जोड़कर विनती कर रहे थे। वैसे गो-पालक किसान पहलु खां मात्र गाय खरीदने के जुर्म में ही दोगले कटारिया को अपराधी नजर आ गया, लेकिन भाजपा की केंद्र की सरकार में मन्त्री बने बैठे गाय के मांस का भक्षण करने वाले किरण रिजूजू पर कटारिया व उनके जैसे भाजपाई मोन धारण कर लेते हैं।
किरण रिजूजू व मार्कडेन्य काटजू के गो मांस खाने की स्वीकृति वाले बयान ये दोगले भाजपाई क्यों नही सुनते है। गुलाबचन्द कटारिया राज्य की राजनीती उदयपुर जिले से विधायक बनकर आते है। उदयपुर जिले में महाराणा प्रताप राजा हुए है जिनके बुरे वक्त में उनका भाई ही उनका साथ छोड़कर अकबर की सेना के साथ प्रताप से जंग कर चूका है। बुरे वक्त में निष्ठा बदलना उदयपुर जिले की माटी में पलने वालो की आदत रही है। शायद कटारिया को यह भी ज्ञान नही है कि राणा प्रताप के लिए पठान जाती के वीर पुरुष हकीम खां सूरी ने भी प्राणों की बाजी लगाई थी। राज्य की भाजपाई राजनीती में कटारिया संघ के माने जाते है परन्तु संघ विरोधी राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ वे अनेक बार संघ का साथ छोड़कर जा चुके हैं। इनकी बदलती निष्ठा को लेकर राज्य की विधानसभा में विधायक व पूर्व मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इन पर आरोप लगा चुके हैं।
भरी विधान सभा में किरोड़ी लाल ने कटारियों पर गंगा जल की पवित्रता भंग करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि तुम तो गंगाजल भी पानी समझकर पी गये। हमारे देश में लोग कुम्भ के मेले में दीक्षा लेने जाते है कुम्भ की पवित्रता की अलग कहानी है। राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का संघ प्रमुख द्वारा किया जाने वाला विरोध का कारण कुम्भ के मेले से भी जुडा है, जहाँ अनेक संघ निष्ठो ने संघ प्रमुख मोहन भगवत के समक्ष गंगा जल हाथ में उठाकर वसुंधरा विरोध का प्रण लिया था। अनेक अवसरों पर सच बोलकर अपनी सरकार व भाजपा को आहत करने वाले कटारिया साहब कभी कुम्भ के मेले और गंगाजल को पानी समझकर पीने की हकीकत क्यों ब्यान नही करते इसका भी जनता को दुःख है।
सीकर जिले के नीम का थाना और झुंझुनू नागौर जिले में दलितों की बेटियों से होने वाले बलात्कार के जुर्म पर भी ये बयानवीर कुछ नही बोलते है। शायद इनकी नजर में अब दलित मुस्लिम जाती के मनुष्य होने का अहसास और उनके मनुष्य होने की कसोटी समाप्त हो चुकी है। वैसे अब इनके पास गृहमंत्री के रूप में कुछ भी करने धरने को काम तो बचा नही है I ये बयानवीर यदाकदा अपने बयानों के बल पर स्वयं के मंत्री होने के भ्रम को जिन्दा रखने के लिए ही उलटे सीधे बयान देते हैI यहाँ उनकी साफ़ गोई की हम भी प्रशंसा करते है की वे स्वयं अपने बारे में कह चुके है की गृहमंत्री के रूप में उनकी कोई नही सुनता है। इनके गृहमंत्री काल में जेलों में पुलिस के सिपाही रिवाल्वर पहुंचाकर जेल में गेंगवार करवा चुके है। राज्य का मोस्ट वांटेड अपराधी राज्य की पुलिस से मिली भगत करके जेल पुलिस हिरासत से भाग जाता है। भगोड़ा आनंदपाल पुलिस का सामना होने पर पुलिस जवान की ह्त्या करके भाग जाता है। राज्य से बाहर भाग जाने के बाद ही राज्य की पुलिस देश के सभी हवाई अड्डो पर आनंद पाल के लिए अलर्ट जारी करती है।
राज्य के ही एक मंत्री युनुस खां से आनंद पाल की बातचीत के टेप आम लोगो तक पहुँच जाते है फिर भी राज्य के गृहमंत्री को इसका पता तक नही चल पाता है। गृहमंत्री जी राज धर्म और संविधान धर्म यही है कि आप संविधान के प्रति ईश्वर को साक्षी मानकर ली गई शपथ का निर्वहन जाती धर्म से ऊपर उठकर न्याय के साथ करें। आपके कार्यालय में अपराधियों के शुभ चिन्तक बने मुकुंद बिहारी जैसो के भृष्ट आचरण से भी आपको अवगत होना चाहिए । इनके काले कारनामे का चिटठा भी हम शीघ्र खोलेंगे।
पीडित प्रदेशवासियों की सेवा निष्ठापूर्वक करने में आपकी अक्षमता उजागर हो चुकी है। आपकी अदालत के अलावा ऊपर वाले की एक अदालत और है जो रोज ही बिना किसी भेदभाव के दुष्टों का नाश करती है। ऊपर वाले के यहाँ देर है अंधेर नही है यह कहावत सभी पर समान रूप से लागू होती है। आप भी ऊपर वाले की नजर में एक साधारण व्यक्ति है जो ईश्वर के दिए साँसों की मोहलत पर अपना जीवन जी रहे है फिर घमंड किस बात का है। साँसों की डोर टूटते ही हमे ईश्वर की नई दुनिया में चले जाना है। पीडितो की सेवा करके पुण्य लाभ प्राप्त करने का यह अवसर फिर शायद नही मिले इसलिए इस अवसर का भरपूर उपयोग मानव जीवन में करना चाहिए।
मो. हफीज, व्यूरो चीफ, राजस्थान