बच्चे के माथे पर डॉक्टरों ने उगा दी नाक

Update: 2016-07-03 11:15 GMT
मध्यप्रदेश : ये उस लड़के की दर्दनाक दास्ता है, जो 12 साल से बगैर नाक के जिंदगी जी रहा था। तीन महीने की उम्र में डॉक्टर के एक इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी मांसपेशियां गलने लगीं और नाक भी गलकर गायब हो गई थीं।

अब जिस नाक की वजह से यह बच्चा सबके सामने आने से डरता था. अब उसी नाक की वजह से दुनिया भर में उसके चर्चे हैं।

दरअसल, डॉक्टरों ने उसके माथे पर नयी नाक विकसित कर उसे ट्रांसप्लांट कर दिया। एक साल तक चली तीन सर्जरी के बाद अब इस लड़के का चेहरा न केवल खूबसूरत हो गया, बल्कि अब वह सामान्य बच्चों की तरह सांस भी लेने लगा है।

मध्य भारत के मेडिकल साइंस के इतिहास में हुए इस तरह के पहले प्रयोग ने उज्जैन के बड़नगर के खड़ेतिया गांव में रहने वाले अरुण पटेल की जिंदगी बदल दी। इंदौर के डॉक्टर अविनाश दाश ने प्री-फेब्रिकेटेड फोरहेड फ्लैप रायनोप्लास्टी सर्जरी के जरिए यह चमत्कार किया है।

तीन स्टेज की सर्जरी में सबसे पहले माथे पर सिलिकॉन की थैली से टिश्यू एक्सपैंशन किया गया। तीन महीने बाद सिलिकॉन की इस थैली ने नाक का आकार लेना शुरू कर दिया।

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