NSG और MTCR पर मिला अमेरिका का साथ, पठानकोट आरोपियों को पकड़ने में करेगा मदद

Update: 2016-06-08 05:30 GMT
वॉशिंगटन: अमेरिका न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप NSG की सदस्यता के लिए भारत को समर्थन देने को तैयार हो गया है। इसके अलावा भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम यानी MTCR के सदस्य देशों में भी शामिल होने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस दौरान पीएम ने पीएम मोदी ने NSG और MTCR में समर्थन के लिए ओबामा को धन्यवाद दिया। पीएम ने कहा कि भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और ग़रीबी उन्मूलन के लिए दोनों देश मिलकर काम करेंगे।

फॉरेन सेक्रेटरी एस. जयशंकर ने बताया कि यूएस ने 26/11 मुंबई हमले की तरह पठानकोट हमले के आरोपियों पर भी शिकंजा कसने में मदद का वादा किया है। साझा बयान के मुताबिक, दोनों देश साइबर सुरक्षा पर साथ काम करेंगे। बैठक में परमाणु सहयोग पर भी चर्चा हुई। दोनों देश भारत में 6 न्यूक्लियर रिएक्टर बनाने पर राजी हुए हैं। इसे करीब एक दशक से अटकी यूएस-भारत सिविल न्यूक्लियर डील के पूरे होने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। आज पीएम अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।

MTCR का सदस्य बनने पर भारत को कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा जैसे अधिकतम 300 किलोमीटर से कम रेंज वाली मिसाइल बनाना ताकि हथियारों की होड़ को रोका जा सके। भारत की सदस्यता को लेकर 34 सदस्यों वाले समूह की आपत्तियां हासिल करने का समय सोमवार को खत्म हो गया और किसी भी देश ने भारत की सदस्यता पर आपत्ति नहीं जताई।

Similar News