बलात्कार पीड़ित महिलाओं के लिए खुला, पहला मातृत्व क्लीनिक

Update: 2016-07-30 10:38 GMT
लंदन: बलात्कार और यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के लिए बच्चे को जन्म देना एक भयावह त्रासदी की तरह है जो उनके उपर हुए हमले को जीवन सताते हैं। भारतीय मूल की महिला पवन अमारा ने दुष्कर्म और यौन उत्पीडऩ की शिकार महिलाओं के लिए लंदन में पहला मातृत्व क्लीनिक की शुरूआत की है। अमारा जो खुद रेप पीड़िता हैं।

इस क्लीनिक में अतिरिक्त मदद के लिए प्रशिक्षित नर्स, मनोवैज्ञानिक और बाल रोग विशेषज्ञ भी होंगे। जबसे ये सेवा शुरू हुई है 800 से अधिक महिलाएं इससे जुड़ चुकी हैं। इस सेंटर को विदेशों से भी महिलाएं फोन करती हैं और मदद लेती हैं।

बार्ट्स हेल्थ एनएचएस ट्रस्ट की मदद से ये क्लीनिक चलाया जा रहा है। ट्रस्ट के साथ क्लीनिक की स्थापना करने वाली 'माई बॉडी बैक' परियोजना के निदेशक पवन अमारा ऐसी कई महिलाओं से मिलीं, जिन्होंने उनसे अपनी गर्भवस्था के दौरान बेहद परेशानी भरे अनुभवों को साझा किया।

इंग्लैंड और वेल्स में 16 से 59 साल के बीच की पांच में एक महिला किसी न किसी तरह की यौन हिंसा का शिकार होती है। अमारा ने कहा कि एक महिला से दुष्कर्म करने वाले ने कहा था कि यदि तुम सहयोग करोगी, तो यह तुम्हारे लिए अच्छा होगा। जब अस्पताल में यही बात स्वास्थ्यकर्मी महिला से बोलते हैं, तो उन्हें इस बात का पता नहीं होता कि अनजाने में वह महिला को कितनी तकलीफ पहुंचा रहे हैं, उन्होंने कहा कि इसका महिला पर मानसिक रूप से गहरा प्रभाव पड़ता है।

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