डोकलाम विवाद पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत, सेना हटाने को तैयार हुआ चीन
डोकलाम विवाद अब सुलझता दिख रहा है, भारत और चीन डोकलाम से अपनी अपनी सेना हटाने पर राज़ी हो गए हैं..
नई दिल्ली : डोकलाम विवाद अब सुलझता दिख रहा है. भारत और चीन डोकलाम से अपनी अपनी सेना हटाने पर राज़ी हो गए हैं। आपको बता दें लगभग तीन महीने से दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम में डटी हुई थी। विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज़ के ज़रिये आज ये जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता, रविश कुमार इस फैसले पर विदेश मंत्रालय का बयान ट्वीट किया है। इस घोषणा को भारत की बड़ी जीत माना जा रहा है क्योंकि भारत इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने के पक्ष में था, जबकि चीन भारत को लगातार युद्ध के लिए धमका रहा था। मंत्रालय ने बताया गया है कि इस मुद्दे को लेकर पिछले कई दिनों से हो रही बातचीत में भारत ने चीन को अपनी चिंताओं से वाफिक कराया जिसके बाद सेनाएं हटाने का फैसला हुआ है।
MEA Press Statement on Doklam Disengagement Understanding pic.twitter.com/fVo4N0eaf8
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) August 28, 2017
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिनों के बाद ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए चीन का दौरा करने वाले हैं। मोदी के दौरे से पहले ही दोनों देशों की कवायद विवाद को सुलझाने की थी, जिसका असर दिखाई दे रहा है। अभी तक जारी बयान से ये साफ नहीं है कि कौन-से देश की सेना पहले विवादित जगह से हटेगी।
क्या है डोकलाम विवाद?
सिक्किम सीमा सेक्टर के पास डोकलाम में भारत और चीनी सेना दो महीने से भी ज्यादा समय से आमने-सामने है। यह गतिरोध तब शुरू हुआ जब इस इलाके में चीनी सेना द्वारा किए जाने वाले सड़क निर्माण कार्य को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया। भारत की चिंता यह है कि अगर चीन डोकलाम में सड़क बनाने में कामयाब रहता है तो उसके लिए कभी भी उत्तर-पूर्व के हिस्से तक शेष भारत की पहुंच को रोक देना आसान हो जाएगा। डोकलाम इलाके को भूटान अपना मानता है, लेकिन चीन का दावा है कि यह उसके क्षेत्र में आता है।
इस इलाके में भारतीय क्षेत्र में सेना ने सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया है, जो चीन के मंसूबों पर लगाम लगाने की भारत की बड़ी कवायद है। भारत की टेंशन ये है कि अगर चीन डोकलाम इलाके में अपना वर्चस्व साबित करने में कामयाब हो गया तो वो 'चिकन नेक' इलाके में बढ़त ले लेगा, जो भारत के लिए नुकसानदायक होगा।