अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में कुलभूषण जाधव की पैरवी के लिए हरीश साल्वे ने ली एक रु. फीस

Harish Salve charged Re 1 to fight Kulbhushan Jadhav case at ICJ

Update: 2017-05-16 05:58 GMT
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने फीस के तौर पर मात्र एक रुपया लिया है। यह जानकारी सोमवार देर रात विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट कर दी। 

दरअसल ट्विटर पर संजय गोयल नामक एक यूजर ने लिखा था कि कोई भी अच्छा भारतीय वकील आईसीजे में यह कर सकता था और इससे कम खर्चे पर, फैसले का इंतजार करें। विदेश मंत्री ने इसका जवाब देते हुए कहा कि यह सही नहीं है। साल्वे ने जाधव मामले की पैरवी के लिए मात्र एक रुपया लिया है। इससे पहले नौ मई को भी सुषमा ने एक ट्वीट कर बताया था कि आईसीजे ने पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए कुलभूषण जाधव की सजा पर रोक लगाई है और इस मामले में भारत का प्रतिनिधित्व हरीश साल्वे कर रहे हैं। 

साल्वे देश के जाने माने वकील हैं और वह सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल रह चुके हैं। वर्ष 2015 में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को सजा होने के कुछ घंटे बाद ही साल्वे ने जमानत दिलाई थी। साल्वे के दादा पीके साल्वे भी दिग्गज क्रिमिनल वकील रह चुके हैं। उनके पिता एनकेपी साल्वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। साल्वे सुप्रीम कोर्ट में वोडाफोन के टैक्स मामले, रिलायंस गैस विवाद में मुकेश अंबानी की तरफ से, इतालवी सरकार के नौसैनिकों के पक्ष और योग गुरु रामदेव के मामले में दिल्ली पुलिस का पक्ष कोर्ट में रख चुके हैं। 

इससे पहले साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने राजनयिक मदद के लिए भारत के 16 अनुरोध को खारिज कर दिया। ''आरोप जितना अधिक गंभीर होगा वियना समझौता का अनुपालन करने की उतनी अधिक जरूरत होगी। जाधव अपने परिवार से किसी तरह के संपर्क के बगैर न्यायिक हिरासत में है।' साल्वे ने कहा कि राजनयिक संबंध पर वियना समझौता की धारा 36 का अधिकार पवित्र है। उन्होंने नागरिक एवं राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय नियम का जिक्र किया जो यह कहता है कि किसी को भी मनमाने ढंग से उसके जीवन से वंचित नहीं किया जाएगा। साल्वे ने कहा कि भारत को जाधव के खिलाफ दर्ज आरोपों की प्रति मुहैया नहीं करायी गई है। हम जाधव के लिए उपयुक्त कानूनी प्रतिनिधित्व चाहते हैं। 

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