राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने घंटा बजाकर पूरे देश में GST किया लागू, पढ़ें- भाषण की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रात ठीक 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में घंटा बजाकर जीएसटी लागू कर दिया। इसके साथ ही एक देश एक टैक्स का सपना भी साकार हो गया।
नई दिल्ली : आखिरकार शुक्रवार आधी रात को देश ने वो लम्हा देखा जिसका लंबे अर्से से इंतजार था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रात ठीक 12 बजे संसद के सेंट्रल हॉल में घंटा बजाकर जीएसटी लागू कर दिया। इसके साथ ही एक देश एक टैक्स का सपना भी साकार हो गया।
जीएसटी के लागू होते ही वैट, सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद शुल्क जैसे केंद्र और राज्यों के 17 कर समाप्त हो गए हैं। अब वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की चार दरें- पांच, 12, 18 और 28 फीसद लागू की जाएंगी।
इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी को गुड एंड सिंपल (अच्छा और सरल) टैक्स करार दिया। इससे देश में व्यापार करना आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह किसी एक दल या सरकार की सिद्धि नहीं है। यह हम सभी के प्रयासों का नतीजा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, यह एक ऐसा स्थान है जहां विभिन्न महापुरुषों ने इस स्थान को पावन किया। 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा की पहली बैठक का साक्षी रहा। इसी स्थान पर तब डा. राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरु, सरदार पटेल, आर्चाय कृपलानी , भीम राव अंबेडकर आदि मौजूद थे। यह स्थल देश की आजादी की महान घटना का भी साक्षी रहा। जब 26 नवंबर 1949 को देश ने संविधान को स्वीकार किया गया तब भी यह स्थान उस घटना का गवाह रहा। आज वर्षों बाद एक नई अर्थव्यवस्था के लिए, संघीय ढांचे को नई ताकत प्रदान करने के लिये जीएसटी पेश करने के लिये इस स्थान से बेहतर और कोई स्थल नहीं हो सकता था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग आशंकाएं व्यक्त करते है, उनसे मैं कहना चाहूंगा कि कृपया ऐसी बाते न करें। हर घर में 10वीं, 12वीं का बच्चा होता है, उसे टेक्नोलॉजी की जानकारी होती है। वह मदद कर देगा। अफवाह फैलाना बंद करें। उन्होंने कहा कि देश जब चल पड़ा है तो गरीब की भलाई कैसे हो, उसका ध्यान रखने की जरुरत है।
मोदी ने कहा कि जीएसटी से व्यवस्था सुगम बनाने में मदद मिलेगी। इसके कारण कोई निवेश करना चाहेगा, उनको पूरे देश में एक व्यवस्था प्राप्त होगी और निवेश के प्रिय स्थल के रुप में भारत आगे बढ़ेगा। जीएसटी एक ऐसे उत्प्रेरक के रुप में काम करेगा जिससे न केवल निर्यात बढ़ेगा बल्कि आंतरिक कारोबार भी मजबूत होगा। इसके कारण प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, पूर्वोत्तर के राज्य जो विकास में पीछे रह गये हैं, उन्हें विकास की राह पर आगे बढ़ने का बड़ा अवसर मिलेगा।
मोदी ने जीएसटी लागू होने की तुलना नये चश्मे से की। उन्होंने कहा कि चश्मे का नंबर बदलने पर एक दो दिन ' 'एडजस्ट ' ' करने में लग जाते है। जीएसटी में भी बस ऐसा ही होगा।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण दिसंबर 2002 में शुरू हुई लंबी यात्रा की परिणति है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने करीब 500 रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आर्थिक एकीकरण होगा। उन्होने कहा कि इसमें शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने जीएसटी को राज्य सरकारों की सहमति और देशहित में सबके साथ आने का प्रतीक बताया। बताते चलें कि 2011 में वित्त मंत्री की हैसियत से प्रणब ने ही जीएसटी को संसद के पटल पर रखा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हम भारत के विकास में ऐतिहासिक फैसला करने जा रहे हैं। यह भारत की एक नई शुरुआत होगी।
संसद के केंद्रीय कक्ष में सरकार के मंत्री, विभिन्न दलों के सदस्य एवं रतन टाटा सहित कुछ उद्योगपति तथा अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। जीएसटी लागू होने के कार्यक्रम में हालांकि कांग्रेस, वामदल एवं कुछ अन्य दलों के सदस्य मौजूद नहीं थे। हालांकि सपा, जदयू, राकांपा, जद:एस:, बीजद, अन्नाद्रमुक, टीआरएस सदस्य उपस्थित थे।