आधार कार्ड सरकारी योजनाओं के लिए अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए : SC

Update: 2017-04-21 07:41 GMT
नई दिल्ली : आधार कार्ड पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा 'आप आधार कार्ड को अनिवार्य कैसे बना सकते हैं जब हम इसे वैकल्पिक बनाने के लिए पहले ही एक आदेश पास कर चुके हैं?'

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि जब आधार कार्ड को नए क़ानून के तहत वैकल्पिक बनाया गया था तो आप इसे अनिवार्य कैसे बना सकते हैं। यह सिर्फ वैकल्पिक दस्तावेज़ के तौर पर मांगा जा सकता है।

इस पर केंद्र सरकार की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि पैन कार्ड के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया गया। लोग कई पैन कार्ड बनवा लेते हैं और इनके जरिए फर्जी कंपनियों यानी शेल कंपनियों में फंड डाइवर्ट करवा लेते हैं। जस्टिस अर्जन सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने सरकार से पूछा कि क्या सिर्फ यही एक रास्ता है? इस पर अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया कि इसको सिर्फ इसी तरह ही रोका जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह आयकर (आई-टी) रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य किया जाना चाहिए या नही इस बात पर फ़ैसला  होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आई-टी रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य बनाने की आवश्यकता पर सवाल पूछे।

याचिकाकर्ता बिनोय बिस्वाम्म ने अपनी याचिका में कहा कि सरकार ने आधार कार्ड को पैन कार्ड के लिए अनिवार्य कर दिया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सरकार इसे सरकारी अनाज, एलपीजी और इनकम टैक्स वगैरह के लिए अनिवार्य रूप से नहीं मांग सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब यह नियम बना दिया है कि अगर आधार कार्ड नहीं होगा, तो पैन कार्ड नहीं बन सकता है।

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