शहीद परिवारों को लेकर IAS एसोसिएशन ने उठाया बड़ा कदम, इस तरह करेंगे मदद

IAS Association help martyr families

Update: 2017-04-29 08:23 GMT
नई दिल्ली : देश की शीर्ष प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी नक्‍सली हमलों और आतंकी हमलों में शहीद हुए जवानों के परिजनों की मदद के लिए आगे आए हैं। एक स्वैच्छिक पहल की शुरूआत करते हुए आईएएस अधिकारियों की एसोसिएशन इन शहीद परिजनों की मदद करेगी तांकि इनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और सरकार की मुआवजा नीति के तहत इनको समयबद्ध ढंग से वित्‍तीय सहायता प्राप्त हो सके।

गोद लिया हुआ परिवार उसी राज्य (कैडर) से होगा, जहां से अॉफिसर ताल्लुक रखता था। इंडियन सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (सेंट्रल) असोसिएशन के सेक्रेटरी संजय भूसरेड्डी ने कहा कि अफसर को गोद लिए हुए परिवार को सीधे कोई वित्तीय सहायता देने की जरूरत नहीं है। लेकिन वह परिवार को समर्थन और सहायता देगा ताकि वह सुरक्षा की भावना से जी सकें और उन्हें यह महसूस हो कि मुश्किल समय में देश उनके साथ खड़ा है।

एसोसिएशन ने 2012 से लेकर 2016 तक वाले आईएएस बैच के 600-700 युवा अधिकारियों को अपनी तैनाती वाले क्षेत्रों में से कम से कम एक शहीद परिवार की देखभाल करने को कहा है। ये अधिकारी शहीद परिवारों को प्राथमिकता के आधार पर पेंशन, ग्रेच्युटी, सेवाओं का वितरण जैसे- पेट्रोल पंप, स्‍कूलों में बच्‍चों का दाखिला, युवाओं को सरकार के स्किल इंडिया या डिजिटल इंडिया प्रोग्राम जैसे पहलों में मदद करेगी। यदि आश्रित परिवार कोई व्यवसाया या स्‍टार्ट-अप शुरू करना चाहता है तो इन्हें वित्‍तीय संस्‍थानों से मदद दिलाने में भी ये अधिकारी सहायता करेंगे।

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