5 मई को भारत दक्षिण एशियाई देशों को देगा ये खास 'उपहार' - पाकिस्तान को नहीं किया शामिल
नई दिल्ली : 5 मई को भारत दक्षिण एशियाई देशों को अंतरिक्ष में उपहार देने जा रहा है। भारतीय इतिहास में पहली बार किसी ऐसे उपग्रह को लॉन्च किया जा रहा है, जिससे न केवल भारत बल्कि दक्षिण एशिया के दूसरे देश भी लाभांवित होंगे।
भारत 'दक्षिण एशिया उपग्रह' के माध्यम से अपने पड़ोसियों को एक नया उपग्रह 'उपहार' में देने वाला है। भारत सार्क देशों के लिए 5 मई 450 करोड़ रुपये की बनी एक खास सैटेलाइट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने जा रहा है। पीएम मोदी ने 'मन की बात' 31वें एपिसोड में इस योजना का जिक्र किया। पीएम ने इसे दक्षिण एशिया में भी 'सबका साथ सबका विकास' की संज्ञा दी।
इस योजना में पाकिस्तान नहीं है शामिल?
भारत की इस योजना में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया गया है। इस सैटेलाइट का फायदा पाकिस्तान के अलावा बाकी के सभी पड़ोसी देशों को मिलेगा। इसका फायदा अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, श्रीलंका, बग्लादेश, भूटान को मिलेगा। आपको बता दें कि इस सैटेलाइट की घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में की थी, जिसे उन्होंने पड़ोसी देशों के लिए गिफ्ट बताया था। इस सैटेलाइट को बनाने के पीछे का मकसद आपदा सहायता और दक्षिण एशियाई देशों के बीच संपर्क बढ़ाना है। इसमें शामिल सभी देशों को डीटीएच और आपदा के समय इस सैटेलाइट की मदद से जानकारी एक दूसरे के साथ साझा करने में मदद मिलेगी।
ये उपग्रह 'टेलिकम्यूनिकेशन और प्रसारण संबंधी सेवाओं जैसे- टीवी, डीटीएच, वीसैट, टेलिएजुकेशन, टेलिमेडिसिन और आपदा प्रबंधन सहयोग को संभव बनाएगा।' इस उपग्रह में भागीदार देशों के बीच हॉट लाइन उपलब्ध करवाने की भी क्षमता है। चूंकि यह क्षेत्र भूकंप, चक्रवातों, बाढ़, सुनामी आदि के लिहाज से संवेदनशील है, इसलिए यह आपदा के समय पर उपयोगी संवाद लिंक स्थापित करने में भी मदद कर सकता है।