माउंटबेटन की बेटी बोली, मेरी मां से प्यार करते थे पंडित नेहरू, शारीरिक संबंध को लेकर किया बड़ा खुलासा
जवाहरलाल नेहरू और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लूईस माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन के प्रेम संबंधो की बातें होती रहती है
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लूईस माउंटबेटन की पत्नी एडविना माउंटबेटन के प्रेम संबंधो की बातें होती रहती है, इस पर लेकर चर्चाओं का बाजार हमेशा से गर्म रहता है। कुछ लोगों ने तो दोनों के रिश्तों पर काफी अमर्यादित बातें भी कही हैं लेकिन एक लंबे अरसे के बाद किसी ने इस रिश्ते को एक मर्यादित संज्ञा दी है। और उस इंसान का नाम है पामेला माउंटबेटन।
जी हां, लेडी माउंटबेटन की बेटी पामेला, जिन्होंने अपनी किताब डॉटर्स ऑफ एम्पायर: लाइफ एज ए माउंटबेटन में दोनों लोगों के रिश्तों का जिक्र किया है। पामेला ने कहा जवाहरलाल नेहरू और उसकी माँ एडविना माउंटबेटन एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे। लेकिन उनका संबंध कभी जिस्मानी नहीं रहा क्योंकि वे कभी अकेले नहीं मिले। उनका जीवन सार्वजनिक था। यही बहुत बड़ा कारण था जिसके कारण मेरे पिता लॉर्ड माउंटबेटन ने मेरी मां औऱ नेहरू के रिश्ते पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
पामेला के मुताबिक उनकी मां, नेहरू के बौद्धिक स्तर से काफी प्रभावित थीं, उनसे भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थीं इसलिए वो उनसे हद से ज्यादा प्यार करती थीं। माउंटबेटन जब भारत के अंतिम वायसराय नियुक्त होकर आये थे, उस वक्त पामेला माउंटबेटन की उम्र करीब 17 साल थी। अपनी मां को लिखे नेहरू के पत्र पढ़ने के बाद पामेला को एहसास हुआ कि वह और मेरी मां किस कदर एक-दूसरे से प्रेम करते थे और सम्मान करते थे।
किताब के अनुसार भारत से जाते समय उनकी मां, नेहरू को पन्ने की अंगूठी देना चाहती थीं। लेकिन उन्हें पता था कि पंडित जी उस अंगूठी को नहीं लेंगे। इसलिए उनकी मां ने वो अंगूठी इंदिरा गांधी को दी थी। और कहा, यदि वह कभी भी वित्तीय संकट में पड़ते हैं, तो उनके लिए इसे बेच दें। क्योंकि वह अपना सारा धन बांटने के लिए प्रसिद्ध हैं। पामेला के परिवार की विदाई के समय नेहरू ने एडविना से कहा था कि आप जहां भी गईं, आपने उम्मीद जगाई।