नई दिल्ली: कल मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होने जा रहा है। इस में भारी फेरबदल होने की संभावना है। कुछ नए चेहरे इसमें शामिल हो सकते हैं तो कुछ का ओहदा और बढ़ाया जा सकता है। ऐसी अटकलें भी हैं कि खराब प्रदर्शन के कारण कुछ मौजूदा मंत्रियों की विदाई भी हो सकती है।
मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा के लिए 30 जून को प्रधानमंत्री ने बैठक बुलाई थी। दरअसल प्रधानमंत्री 7 जुलाई को अफ्रीकी देशों की यात्रा पर रवाना होंगे, इसलिए मंत्रिमंडल में फेरबदल कल किया जाएगा। इसके पीछे मुख्य वजह कई राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव माने जा रहे हैं।
इस बार आने वाले राज्यों में चुनाव को देखकर कुछ चेहरे यूपी और पंजाब से शामिल किये जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि 10-12 सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है।
इनमें महाराष्ट्र से शिवसेना के अनिल देसाई, आरपीआई के रामदास अठावले, बीजेपी से विनय सहस्त्रबुद्धे के नाम शामिल हैं। वहीं उत्तर प्रदेश से अपना दल की अनुप्रिया पटेल, सहारनपुर से बीजेपी सांसद राघव लखनपाल, राजस्थान से अर्जुन मेघवाल, गुजरात से पुरुषोत्तम रुपाला, दार्जिलिंग से सांसद एसएस अहलूवालिया और उत्तराखंड से अजय टम्टा को मंत्रिपद मिल सकता है।
रामशकंर कठेरिया और निहालचंद मेघवाल की छुट्टी होगी और इन्हें वापस संगठन में लाया जा सकता है। आज शाम अमित शाह संभावित मंत्रियों से चाय पर मुलाकात कर सकते हैं, प्रधानमंत्री के मुलाकात का कार्यक्रम अभी तय नहीं है।
अभी केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री को मिलाकर 64 मंत्री हैं। इसमें 27 कैबिनेट स्तर के, 12 स्वतंत्र प्रभार वाले और 25 राज्य मंत्री हैं। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल के मौजूदा फेरबदल में चार टॉप मंत्रियों गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के विभागों में कोई बदलाव की संभावना नहीं है।
खेल एवं युवा मामलों के मंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल के असम का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद उनके मंत्रालय में मंत्री पद खाली है। ऐसा अनुमान है कि 75 साल से ज्यादा की आयु वाले मंत्रियों की विदाई की जा सकती है। हाल ही में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में हुए फेरबदल में 75 पार उम्र के दो मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई थी।