पदोन्नति पर मोदी का बड़ा ऐलान, आरक्षित बर्ग को देदी सौगात

Modi's big announcement on promotion

Update: 2017-05-05 07:59 GMT
नई दिल्ली : सरकारी नौकरियों में SC-ST कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के मामले में मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एन्ड ट्रेनिंग (DOPT) के द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट PM मोदी के सामने पेश किया गया है जिसमें एससी-एसटी के लिए पदोन्नति में आरक्षण का जिक्र किया गया है।

बता दे, की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि समान अवसर और समावेशी विकास के लिए एससी-एसटी को पदोन्नति के मामले में आरक्षण की बेहद जरूरत है। मार्च 2016 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में डीओपीटी को आरक्षण के विरुद्ध आए न्यायिक फैसलों के मामलों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया था।

इसमें संवैधानिक बेंच द्वारा 2006 में एम नागराज के मामले का जिक्र भी किया गया था। इस फैसले में कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 16(4A) ही जरूरत के मुताबिक एससी-एसटी के कर्मचारियों को आरक्षण देने के लिए राज्य को आरक्षण की आजादी देता है, लेकिन ये अनिवार्य नहीं है।

2006 के फैसले में ये भी कहा गया था कि ये कुछ स्थितियों के आधार पर ही दिया जा सकता है- जिसमें लाभार्थी के लिए पिछड़ापन, प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता और प्रशासनिक दक्षता जैसे कारक शामिल हैं।

वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कई विभागों में एससी-एसटी का 15 प्रतिशत और 7.5 प्रतिशत प्रतिनिधित्व भी नहीं पूरा हो पाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि एससी-एसटी आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा के महत्वपूर्ण मानकों में अन्य सामाजिक समूहों से पीछे हैं। ऐसे में इस मामले में एक सकारात्मक कार्यवाही की जरूरत है।

मोदी सरकार का ये कदम सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों से मुकाबला करने के लिए है जिसमें SC के आदेशों ने पदोन्नति के मामले में एससी-एसटी को आरक्षण देने के केंद्र और राज्य सरकारों के फैसलों में अड़चन पैदा कर दी है।

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