मुस्लिमों में इस समय असुरक्षा की भावना और बेचैनी का अहसास है : हामिद अंसारी

अंसारी ने भीड़ की ओर से लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं, घर वापसी और अंधविश्वास का विरोध करने वालों की हत्याओं पर भी चिंता जताई...

Update: 2017-08-10 03:40 GMT
नई दिल्ली : अपना कार्यकाल खत्म होने के पहले उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने देश के मुस्लिमों पर बड़ा बयान दिया है। हामिद अंसारी ने कहा कि आज के समय में मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब असहनशीलता और गोरक्षकों की गुंडागर्दी की घटनाएं लगतार सामने आ रही हैं। । उपराष्ट्रपति के तौर पर 80 साल के अंसारी का दूसरा कार्यकाल गुरुवार को पूरा हो रहा है।
अंसारी ने कहा कि उन्होंने असहनशीलता का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों के सामने उठाया है। उन्होंने इसे 'परेशान करने वाला' करार दिया। एक सरकारी टीवी पर दिए एक इंटरव्यू में अंसारी ने ये सब बातें कहीं।
इंटरव्यू में अंसारी ने भीड़ की ओर से लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं, घर वापसी और अंधविश्वास का विरोध करने वालों की हत्याओं पर भी चिंता जताई। हामिद अंसारी के मुताबिक इनसे भारतीय मूल्यों पर चोट पहुंची है। यह पूछे जाने पर कि क्या मुस्लिमों को लगने लगा है कि वे 'अवांछित हैं', इस पर अंसारी ने कहा, 'मैं इतनी दूर नहीं जाउंगा, असुरक्षा की भावना है।'
ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर भी अंसारी ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा, 'ट्रिपल तलाक सामाजिक कुरीति है, यह कोई धार्मिक जरुरत नहीं है'। पहली बात तो यह कि यह एक सामाजिक विचलन है, यह कोई धार्मिक जरुरत नहीं है। इस बारे में कोई दो राय नहीं है। लेकिन पितृसत्ता, सामाजिक रीति-रिवाज इसमें घुसकर हालात को ऐसा बना चुके हैं जो अत्यंत अवांछित है। अदालतों को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि सुधार समुदाय के भीतर से ही होंगे। वहीं कश्मीर मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए अंसारी ने कहा कि यह राजनीतिक समस्या है और इसका राजनीतिक समाधान ही होना चाहिए।

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