अगर आपमें भी हैं ये लक्षण तो समझ जाएं शनिदेव है आप पर मेहरबान, मिलेगी बड़ी सफलता

Update: 2017-06-17 09:41 GMT
नई दिल्ली : शनिदेव को दण्डाधिकारी कहा गया है, शनिदेव मनुष्य को उसके बुरे और अच्छे कर्मो के अनुसार उन्हें दण्डित करते है। अगर उनकी कृपा किसी भक्त पर हो जाए तो वह व्यक्ति हर प्रकार की समस्या से मुक्ति पा जाता है शनिदेव उसका घर खुशियों और सुख सम्पति से भर देते है।

ज्योतिष शास्त्र ऐसे लोगों को वास्तव में शनिदेव का कृपाप्राप्त मानता है। इनके जीवन में कठिनाइयां बहुत होती हैं लेकिन अंततः ये हमेशा सफल होते हैं। लेकिन कैसे पता करें कि आप पर शनिदेव की कृपा है या अशुभ शनि का प्रभाव?

जानें शनि के कृपा पात्र व्यक्तियों के कुछ खास लक्षण के बारे में। अगर आपमें भी हैं ये लक्षण, तो समझें शनिदेव की कृपा है आप पर, मिलेगी बड़ी सफलता।

जिस भी व्यक्ति पर शनि की कृपा होती है उन्हें छोटी उम्र से ही हड्डियों से जुड़ी शारीरिक परेशानियां होने लगती हैं। जैसे- पैरों में मोच आना, पैर या हाथ की हड्डी में क्रैक आना, मसल्स में चोट, कमर में दर्द जैसी परेशानियां इन लोगों को होती रहती हैं। लेकिन सबसे बड़ी बात जितनी बड़ी परेशानी इन्हें होती है उतनी बड़ी दिखती नहीं है।

जिस भी व्यक्ति पर शनि की कृपा होती है वह शायद ही कभी किसी की मदद से आगे बढ़ता है। वह या तो बहुत गरीबी और अभावों में पलता है या सक्षम होने के बावजूद किसी की मदद लेना पसंद नहीं करता। कर्मप्रधान होने के कारण इनके आगे बढ़ने में किसी का योगदान नहीं होता, जो पाते हैं अपनी मेहनत और सार्थक प्रयासों के बल पर ही पाते हैं।

ऐसे लोग शून्य से शुरू करते हुए अपने बल पर एक खास मुकाम प्राप्त करते हैं जो हर किसी के लिए उदाहरण बन जाता है। इस तरह के व्यक्ति बाह्य रूप में तो सामान्य दीखते हैं लेकिन अंदर से बिल्कुल अकेले होते हैं।

वैदिक ज्योतिष के काल पुरुष सिद्धांत के अनुसार मूलत द्वितीय भाव पर शुक्र का अधिपत्य होता है तथा एकादश भाव पर शनि का अधिपत्य होता है। अगर शुक्र की द्वितीय या सप्तम भाव में स्थिति हो व शनि सातवें या एकादश भाव में स्थित हो तो व्यक्ति राजा के समान जीवन जीता है। ऐसे योग में साधारण परिवार में जन्में व्यक्ति भी जातक अत्यधिक संपति का मालिक बनता है।

ये एकांतवास में रहना पसंद करने लगते हैं। ये स्वयं भी सही मार्ग पर चलते हैं और दूसरों को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। इनकी यह खूबी शनि के प्रभाव के कारण होता है जो न्यायप्रिय माने जाते हैं। इसलिए इस वजह से इन्हें परेशानियां तो होती हैं लेकिन यह इन्हें ख्याति भी देता है। ऐसे व्यक्तियों को अक्सर 35 वर्ष की उम्र में या इसके बाद ही बड़ी सफलता मिलती है।

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