इस मंदिर की सालाना कमाई है 100 करोड़ से भी अधिक, जानें मंदिर से जुड़ा रहस्य

Update: 2017-05-01 11:54 GMT
नई दिल्ली : आपने बहुत सारे मंदिर के सालाना कमाई के बारे में सुना होगा। देश के कुछ ऐसे मंदिर भी हैं, जिनकी सालाना कमाई 100 करोड़ रुपये से अधिक है। अब उन्ही मंदिरों की सूची में एक और मंदिर का नाम जुड़ गया है। जानें भगवान शिव के इस मंदिर से जुड़ा रहस्य।

दरअशल आंध्र प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है जहां राहुकाल की बड़ी पूजा होती है। राज्य के चित्तूर जिले में स्थित इस श्री कालाहस्ती मंदिर की सालाना कमाई सौ करोड़ रूपए से भी अधिक है। यह मंदिर वास्तव में भगवान शिव का मंदिर है। इस मंदिर में राहुकाल की पूजा के साथ- साथ कालसर्प की भी पूजा होती है। अभी इस मंदिर की कमाई और बढ़ने की संभावना जताई गई है।

ये मंदिर तिरूपति शहर से करीब 35 किमी दूर श्रीकालहस्ती गांव में के पास स्थित है। यह मंदिर दक्षिण भारत में भगवान शिव के तीर्थस्‍थानों में अहम स्‍थान रखता है। बता दें ये मंदिर लगभग 2 हजार वर्षो पुराना है। इस मंदिर को दक्षिण का कैलाश या दक्षिण काशी नाम से भी जाना जाता हैं। यहां भगवान कालहस्तीश्वर के साथ देवी ज्ञानप्रसूनअंबा भी स्‍थापित है।

इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि इस स्‍‌थान का नाम तीन पशुओं श्री यानी 'मकड़ी', काल यानी 'सर्प' और हस्ती यानी 'हाथी' के नाम पर किया गया है। कहा जाता है कि तीनों ने ही यहां पर भगवान ‌शिव की आराधना करके मुक्ति पाई थी। मकड़ी ने शिवलिंग पर तपस्या करके जाल बनाया, सांप ने शिवलिंग पर लिपटकर आरधना की और हाथी ने शिवलिंग को जल से स्नान करवाया था।

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