आज है 'देवशयनी एकादशी', जानिए अगले चार महीने तक क्यो नहीं हो सकेंगे कोई शुभ कार्य

Update: 2017-07-04 10:48 GMT
नई दिल्ली : आज है 'देवशयनी एकादशी'। एकादशी का हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व है। देवशयनी एकादशी के साथ आज से चातुर्मास शुरू हो गए। इसके साथ ही अगले चार महीने तक कोई भी शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे।
शास्त्रों के अनुसार देवताओं को एकादशी सबसे प्रिय होती है। आज से देवता आराम करेंगे। यानी अगले चार महीने तक नहीं होंगे शादी ब्याह नहीं होंगी। अब चार माह पश्चात देवोत्थान एकादशी के साथ मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे।
आज आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही देवशयनी एकादशी कहते है। इसे हरिशयनी, देवशयनी, विष्णुशयनी, पदमा या शयन एकादशी भी कहा जाता है। हर महीने दो पक्षों में दो एकादशी आती है इस तरह से साल में कुल 24 एकादशी होती है। एकादशी में पुण्यकर्म एवं सच्चे मन से रखे गए व्रत पर ज़रूर सफलता मिलती है। इस वजह से इसे मनोकामना पूरा करने वाला व्रत भी कहते है। जो व्यक्ति पुण्यमयी एकादशी का व्रत रखता उसके जीवन में सदा सुख एवं समृद्धि बनी रहती है।
सूर्य के मिथुन राशि में आने पर यह एकादशी आती है। देवशयनी एकादशी के साथ ही आज से चातुर्मास शुरू होता है। यानी इस दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करते हैं और फिर चार माह बाद उन्हें उठाया जाता है। इस कारण इन चार माह में शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है। अब 31 अक्टूबर को देवोत्थान एकादशी के साथ शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।
शास्त्रों के अनुसार हिन्दू धर्म में जिस तरह नदियों में गंगा, देवताओं में विष्णु, नागों में शेष नाग श्रेष्ठ है, ठीक उसी प्रकार सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इस व्रत का पारण 5 जुलाई को प्रात: 7:56 से 9:28 के बीच किया जाएगा। बेहतर एवं अच्छी फल प्राप्ति के लिए हर मनुष्य को एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए।

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