अखिलेश ने दी शिवपाल को पटखनी, कौमी एकता दल का विलय रद्द

Update: 2016-06-25 11:41 GMT

लखनऊ

समाजवादी पार्टी में मुख्तार अंसारी को लेकर समाजवादी संग्राम जारी है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इतना बड़ा बयान देकर एक बार फिर अपने चाचा शिवपाल यादव को कठघरे में खड़ा कर दिया है. साथ ही पारिवारिक कलह खुलकर सामने आती जा रही है. लेकिन संसदीय बोर्ड की मीटिंग में दुसरे चाचा रामगोपाल का साथ मिलते ही पासा पलट गया और अखिलेश ने बाजी मार ली.

सपा पॉर्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक सपा सुप्रीमो मुलायम की अध्यक्षता में हुई. बैठक में अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव मौजूद रहे.आज हुए संसदीय दल की मीटिंग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय का मुखर विरोध किया. बड़ते विरोध को देखते हुए सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने कौमी एकता दल का समाजवादी पार्टी में विलय को रद्द कर दिया. संसदीय बोर्ड की मीटिंग में फैसला हुआ. बाद में संसदीय दल ने बर्खास्त मंत्री बलराम यादव की मंत्रिमंडल में वापसी पर मुहर लगाईं.


मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि में चाचा शिवपाल सिंह यादव के बयान से सहमत नहीं हूँ. मुख़्तार के सपा में शामिल होने के खिलाफ हूँ. में मुख्तार अंसारी जैसों लोंगों का सपा में कतई स्वागत नही करूंगा. में चाचा के फैसले से भी सहमत नहीं हूं. में मुख़्तार की सपा में एंट्री का विरोध करता हूँ. अखिलेश लगातार चाचा शिवपाल यादव से मुंह की खा रहे थे लेकिन आज चाचा को सटीक जबाब दे दिया. आज के फैसले के यूपी चुनाव में बड़े मायने देखे जा सकते है.



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