पटना : बिहार में लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के मामले और बीजेपी के इस्तीफे की मांग के बाद राजद ने तो स्पष्ट कर दिया है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे। इन सब सियासी गहमागहमी के बीच जदयू की आज मंगलवार को अहम बैठक होने जा रही है।
आज की बैठक में तस्वीर साफ होगी कि क्या नीतीश तेजस्वी यादव से इस्तीफा देने को कहेंगे या राजद के समर्थन की घोषणा करेंगे। लेकिन यदि उन्होंने ऐसा कोई कदम उठाया तो बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में भूचाल आना तय है। इन सबके बीच बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा सवाल इस वक्त यही है कि तेजस्वी यादव का सियासी भविष्य क्या होगा?
वहीं बैठक से पहले नीतीश के करीबी संजय झा ने कहा कि नीतीश ने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति अपनाई है, उन्होंने कभी इस नीति से समझौता नहीं किया है। आगे भी इस नीति से कोई भी समझौता नहीं होगा, चाहे वो कोई भी व्यक्ति हो।
यह बैठक आज इसलिए भी अहम है क्योंकि लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर CBI के छापेमारी के बाद से अब तक नीतीश कुमार ने कोई सार्वजनिक रूप से टिप्पणी नहीं की है। वहीं जदयू ने भी लालू के समर्थन में कोई बात नहीं कही है। जिसके बाद से बिहार की राजनीती में 'महागठबंधन' पर संकट के बादल लगातार मंडरा रहे हैं।
कांग्रेस से लेकर आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव इसे बचाने में लगे हुए हैं। लेकिन जदयू की चुप्पी ने महागठबंधन के लिए संशय की स्थिति पैदा कर दी है। महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस ने जरूर राजद का समर्थन किया है और एकजुटता की अपील की है।
वहीं आज देखना होगा की जिस तरह से लालू प्रसाद यादव परिवार पर CBI का शिकंजा कस रहा है और बिहार के सीएम नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं उसे देखते हुए जेडीयू की आज की बैठक में नीतीश क्या फैसला लेते है? जदयू की बैठक में क्या फैसला लिया जाएगा? अब सब की नजरें नीतीश के फैसले पर टिकी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में जदयू के संगठन विस्तार से लेकर उपराष्ट्रपति के चुनाव तक की चर्चा हो सकती है। बताया ये भी जा रहा है कि सोमवार को देर तक मुख्यमंत्री ने पार्टी के कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक की। वहीं आज होने वाली जदयू की बैठक में विधानमंडल के सदस्य, मंत्री, प्रवक्ता और कई प्रकोष्ठों के अध्यक्ष मौजूद रहेंगे।