पटना : बिहार में महागठबंधन टूटने और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलग होने की सबसे बड़ी वजह अब जाकर सामने आई है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया है कि RJD के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का राज्य के बालू माफिया से बेहद नजदीकी संबंध है।
सुशील मोदी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अपने इस आरोप के समर्थन में एक अपार्टमेंट के तीन फ्लैटों के कागजात मीडिया के सामने रखे। जिससे उनके आरोपों की पुष्टि होती है। इनका नाम लालू यादव की मां के नाम और निर्माण भी उनके निर्देशन में हुआ है। दावा किया है कि राबड़ी देवी के मां मरिछिया देवी काम्प्लेक्स के 18 में से तीन फ्लैट बालू माफिया सुभाष प्रसाद यादव ने खरीदे हैं।
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अलग-अलग बालू कंपनियों के माध्यम से सुभाष यादव ने 1 करोड़ 72 लाख देकर ये तीन फ्लैट एक ही दिन 13 जून को खरीदे। उन्होंने बताया इन फ्लैटों की बिक्री से लालू प्रसाद का बालू माफियाओं से संबंध का खुलासा होता है।
दरअशल, ये तो सब जानते हैं कि 2014 से नीतीश और लालू के करीब आने के बाद बालू का ये कारोबार ख़ासकर अवैध माइनिंग का खेल जोर पकड़ता गया और जब 2014 नवंबर में सरकार बनी और विभागों के बंटवारे में लालू यादव के पास खान विभाग जाने के बाद ये खेल ज्यादा बढ़ता ही चला गया।
बताया जा रहा है ये बात नीतीश कुमार से छिपी नहीं और लालू यादव के साथ राजनीतिक संबंध खत्म करने के पीछे कई कारणों में यह एक मुख्य कारण बना। वहीं सुशील मोदी ने बताया सुभाष यादव लालू प्रसाद के दाहिने हाथ हैं। चाहे लालू यादव की रैली हो या पार्टी चलाना, सुभाष यादव ही फंड की व्यवस्था करते हैं।
सुशील मोदी ने कहा आयकर छापे के बाद संपत्ति अटैच होने के डर से लालू परिवार अपनी संपत्ति बेच रहा है और उन्हें बालू माफिया खरीद रहे हैं। लालू यादव और तेजस्वी यादव खुद सामने आकर बताएं कि और किस-किस माफिया ने उनकी संपत्ति खरीदी है। उन्होंने कहा कि लालू परिवार अगर नहीं बताएगा तो वे जल्द ही इसका खुलासा करेंगे।