चार साल बाद फिर NDA में शामिल हुई जेडी-यू

इससे पहले 17 साल तक जेडी-यू एनडीए में शामिल रही थी लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वह एनडीए से अलग हो गई थी।

Update: 2017-08-19 08:24 GMT
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाक़ात करते हुए जेडीयू प्रमुख और बिहार सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना : जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल होने का फैसला कर लिया गया है। इसके साथ ही करीब चार साल बाद जेडी-यू एनडीए में औपचारिक रूप से शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले 17 साल तक जेडी-यू एनडीए में शामिल रही थी लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद वह एनडीए से अलग हो गई थी।

जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस के महागठबंधन की सरकार से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी। इसके तत्काल बाद बीजेपी के प्रेसिडेंट अमित शाह ने नीतीश कुमार को एनडीए में शामिल होने के साथ ही सह-संयोजक की जिम्मेदारी लेने की अपील की थी। माना जा रहा है कि एनडीए में शामिल होने के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के अगले कैबिनेट विस्‍तार में जेडी-यू को भी जगह मिल सकती है।

पार्टी की इस बैठक में बागी नेता शरद यादव के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की संभावना थी। हालांकि पार्टी ने उन्हें इस बार चेतावनी देकर छोड़ दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी ने इन संभावनाओं को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि यादव के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी।

के सी त्यागी ने कहा 'राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शरद यादव पर कोई फैसला नहीं होगा।' के सी त्यागी ने कहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में उन हालातों पर चर्चा होगी, जिसकी वजह से पार्टी को महागठबंधन से अलग होना पड़ा। जेडी-यू करीब 20 महीने पुराने महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मदद से सरकार बना चुकी है। 

त्यागी ने कहा कि अगर शरद यादव 27 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी )की रैली में लालू के साथ दिखाई देंगे फिर कार्रवाई होगी। पार्टी ने एक तरह से यादव को आखिरी मौका दिया है।

शरद यादव लगातार जेडी-यू के महागठबंधन से अलग होने के फैसले को लेकर नीतीश कुमार को निशाना बना रहे हैं। इसी वजह से पार्टी उन्हें राज्यसभा में नेता के पद से हटा चुकी है। इसके बाद यादव के गुट ने दिल्ली में सांझी विरासत बचाओ रैली करते हुए विपक्षी दलों को एकजुट करने की भी कोशिश की थी।

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