...तो मोदी कैबिनेट में जेडीयू को इसलिए नहीं मिली जगह!
: केंद्र सरकार ने कैबिनेट विस्तार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। इसके पीछे का कारण मोदी और नीतीश के बीच...;
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने कैबिनेट विस्तार में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। इसके पीछे का कारण मोदी और नीतीश के बीच मंत्री पद की मांग को लेकर एक राय नहीं बनना बताया जा रहा है।
दरअसल, जदयू को एक कैबिनेट देने की बात थी, मगर नीतीश की टीम चाहती थी कि उन्हें दो यानी एक राज्यमंत्री भी मिले। उनका तर्क था कि रामविलास पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा पहले से एनडीए में शामिल हैं, उनसे तो एक ज़्यादा हो।
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मगर मोदी की दिक़्क़त बिहार के पुराने सहयोगियों के साथ-साथ शिवसेना की थी। शिवसेना पहले ही मंत्रिमंडल में बेहतर प्रतिनिधित्व के लिए दबाव बनाता रही थी। जदयू को दूसरी सीट देते ही दूसरे सहयोगी नाराज़ हो जाते। इस बात को नीतीश ने भी समझा, लेकिन पासवान और कुशवाहा से बड़ी लकीर खींचने के उद्देश्य से मंत्रिमंडल में फ़िलहाल शामिल होने से दूरी बना ली।
गौरतलब है कि कैबिनेट में यूपी-बिहार के 2-2 और केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान से एक-एक नए मंत्री बनाए गए हैं। इसके अलावा 4 मंत्रियों को कैबिनेट रैंक में प्रमोशन मिला है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली। कुल 13 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे (बिहार), पूर्व गृह सचिव और आरा से सांसद आरके सिंह, वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश), शिव प्रताप शुक्ल (उत्तर प्रदेश), मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे और बागपत से सांसद सत्यपाल सिंह (उत्तर प्रदेश), अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक), कभी दिल्ली को अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने वाले केरल काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अल्फोंस कन्नाथनम, 1974 के बैच के पूर्व आईएफएस अधिकारी हरदीप पुरी, गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान) ने नए मंत्रियों के रूप में शपथ ली।