महागठबंधन बरक़रार, नीतीश ने एक ही झटके में ख़त्म की सब रार

बिहार में सत्तारूढ़ JDU और RJD के बीच बढ़ी कटुता की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रिपरिषद में भाग लिया।

Update: 2017-07-19 05:51 GMT
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ JDU और RJD के बीच बढ़ी कटुता की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने CM नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न मंत्रिपरिषद में भाग लिया। बता दे कि करीब 35 मिनट तक चली इस बैठक ने राजनीति गलियारों में अटकलें तेज कर दी हैं। माना जा रहा है मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान तेजस्वी ने अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में सफाई दी है।
हालांकि नितीश कुमार ने कुछ और अहम बिंदुओं पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। जदयू और राजद खेमे ने भी इस मुलाकात को 'सौहार्दपूर्ण' बताया है। नीतीश की मौजूदगी में गत 15 जुलाई को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम से तेजस्वी के गायब रहने से भी महागठबंधन में रार और गहरी हुई थी।
इस बैठक में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और तेजस्वी के भाई तेजप्रताप यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी मुख्यमंत्री के कक्ष में मौजूद थे। उनके बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में बातें बाहर नहीं आ सकी हैं लेकिन इसे यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन अटूट है।
बता दे कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान 2004 में रांची और पुरी स्थित IRCTC के दो होटलों का लाइसेंस जारी किए जाने के बदले लालू के परिवार को तीन एकड़ भूखंड दिए जाने के मामले में तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद, राबडी देवी और पांच अन्य का नाम आने के मद्देनजर CBI ने गत शुक्रवार को लालू के आवास सहित 12 ठिकानों पर छापे मारे थे।
इसके करीब पांच दिनों तक चुप रही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने तेजस्वी से उनपर लगे आरोपों के बारे में पूर्ण तथ्यों के साथ जनता की अदालत के बीच जाने को कहा था लेकिन राजद प्रमुख ने अपनी ओर से महागठबंधन को तोड़ने से इंकार किया करते हुए अपने विधायक दल के उस निर्णय कि तेजस्वी के इस्तीफे का कहीं कोई प्रश्न ही नहीं उठता का हवाला देते हुए इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया था और उन्होंने कहा था कि सारी बातें पहले से सार्वजनिक है, जिसे देखना हैं देखे।
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