बिहार टॉपर घोटाला का मुख्‍य आरोपी, अमित कुमार उर्फ बच्चा राय गिरफ्तार

Update: 2016-06-11 09:30 GMT
पटना: बिहार के चर्चित टॉपर्स घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने वैशाली जिले के विशुन राय कॉलेज में बड़े ही नाटकीय ढ़ंग से उसे गिरफ्तार किया। बच्चा राय इस कॉलेज का प्रिंसिपल भी है जहां से टॉप करने वाले छात्रों पर सवाल उठे हैं।

बच्चा राय ने एलान किया था कि पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाएगी बल्कि वो कॉलेज पहुंचकर मीडिया से बात करेगा और खुद पुसिक के सामने सरेंडर करेगा। लेकिन उसके इस एलान के बाद कॉलेज के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी और कोशिश थी कि कॉलेज पहुंचने से पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाए, लेकिन बच्चा राय चकमा देता हुआ कॉलेज के पास पहुंच गया जहां पुलिस ने उसे धर दबोचा।

जब पुलिस उसे गिरफ्तार कर रही थी उस दौरान बच्चा राय का साफ-साफ कहना था कि वो निर्दोष है और उसपर लगे सारे आरोप तथ्यहीन हैं और उसका किसी भी बड़े नेता से कोई संबंध नहीं है।

बिहार टॉपर्स घोटाले में आरोपी रूबी, सौरभ श्रेष्ठ जिस वीआर कॉलेज के हैं, वहां 19 साल की उम्र में ही बच्चा राय प्रिंसिपल बन गया था। बच्चा राय कोई और नहीं बल्कि बिहार के टॉपर घोटाले का मास्टरमाइंड अमित कुमार उर्फ बच्चा राय है। बच्चा राय बारहवीं में दो बार फेल हुआ था। लेकिन नेताओं से रिश्ता बनाने में माहिर बच्चा राय आज बिहार का शिक्षा माफिया बन चुका है।

1994 में उसने मैट्रिक की परीक्षा पास की लेकिन इसके बाद दो बार इंटर फेल हो गया। 1998 में उसने इंटर की परीक्षा फर्स्ट डिविजन से पास की और अगले ही साल 1999 में अपने पिता की कॉलेज का प्रिंसिपल बन बैठा। विवाद होने पर प्रिंसिपल के पद से तब हटा दिया गया लेकिन 2008 में फिर से प्रिंसिपल बन गया।

बच्चा राय के प्रिंसपिल बनने के बाद कॉलेज तो मानो टॉपर बनाने की फैक्ट्री बन गया। हर साल इंटर में यहां के छात्रों को जबरदस्त कामयाबी मिलने लगी। रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनने लगे, बताया जाता है कि एडमिशन के समय ही रिजल्ट का पैसा तय हो जाता था। 25 हज़ार से लेकर एक लाख रूपए तक का रेट था और पैसे देने में देरी होने पर बच्चा राय सूद भी वसूलता था।

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