BJP का नारा सबका साथ सबका विकास, जबके मंत्री सांसद लगे है यूपी के विनाश पर - सपा
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि अब यह बात दिन के उजाले की तरह साफ है कि आरएसएस के निर्देशन भाजपा में प्रदेश में जहर बुझी राजनीति के सहारे सन् 2017 के विधानसभा चुनावों में उतरेगी। अभी केन्द्रीय मंत्रिमण्डल और भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में जो चेहरे लाए गए हैं, उनके भड़काऊ बयानों से चुनावी फिजां को बिगाड़ने की पूरी कोशिश होना तय है। प्रदेश में भाजपा आरएसएस की ये साजिशें समाजवादी सरकार के खिलाफ शुरु से चलती रही है लेकिन उनमें कामयाबी इसलिए नही मिली है कि प्रशासन ने दृढ़ता से कार्यवाही की ओर आम जनता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विकास कार्यो से प्रभावित है।
यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि सन् 2014 में जो सत्ता परिवर्तन हुआ उसके पीछे वे संगठित शक्तियाँ रही है जो संविधान में उल्लिखित समाजवादी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता से परहेज रखती है। भाजपा संघ एक नया वैचारिक बदलाव की जुगत में है ताकि इस देश की गंगा जमुनी संस्कृति लांछित हो और सामाजिक तानाबाना में बिगाड़ हो।
भाजपा का दुहरा चरित्र उसकी हर रीति नीति में जाहिर होता है। भाजपा नेता 'सबका विकास सबका साथ' की बात करते हैं तो उनके ही सहयोगी मंत्री और पार्टी सांसद विकास की जगह विनाशकारी कार्यो को अंजाम देने में लग जाते हैं। पिछले दो सालो में बीफ, लवजिहाद, घर वापसी जैसे तमाम विवाद जानबूझकर पैदा किये गए। कैराना का मसला गलत ढंग से उछालकर सांप्रदायिक तनाव की शक्ल दी गई। भाजपा के सांसद तुष्टीकरण का मुद्दा उठाकर भी समाज में फिरकापरस्ती को बढ़ावा देते हैं।
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कृषि और उद्योग, गांव, किसान के विकास की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। उनकी लोकप्रियता से विपक्षी हताश, निराश और कुंठित हैं। विपक्षी जनता का ध्यान असली समस्याओं गरीबी, बीमारी, भूख से हटाकर जज्बाती मामलो की तरफ बहकाना चाहते हैं। भाजपा संघ की विचारधारा फासिस्ट मनोवृत्ति की है जबकि समाजवादी पार्टी लोकतांत्रिक समाजवाद की पक्षधर है।