आगरा के अंश ने अपनी बीमारी के बारे में एक पत्र देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम लिखा था. पत्र में लिखी बात बड़ी ही मार्मिक थी जिसने सीएम के दिल में जगह बना ली और मुख्यमंत्री ने तुरंत इलाज की हामी भर ली. सीएम ने लखनऊ कार्यालय से फोनकर तुरंत आगरा के जिलाधिकारी से बात की. जिलाधिकारी ने शीघ्र ही मुख्य चिकित्साधिकारी को अंश के घर भेजकर मुख्यमंत्री की इच्छा से अवगत कर बताया की अब अंश का इलाज पीजीआई लखनऊ में होगा.
अंश के मार्मिक पत्र के कुछ शब्द
में इस सुन्दर दुनिया को देखना चाहता हूँ. में एक वैज्ञानिक बनाना चाहता हूँ क्रप्या मुझे मौत के मुंह से बचा लिया जाय और मेरे केंसर का इलाज किया जाय.बुधवार को अंश माता-पिता के साथ रवाना होगा। अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. एचएस दानू ने बताया कि बच्चे को लखनऊ भर्ती कराया जाएगा, सीएमओ को भेजकर परिवारीजनों को अवगत करा दिया है। बता दें कि पेशे से मजदूर कृष्णदत्त महीने में बमुश्किल पांच-छह हजार रुपये कमा पाते हैं। पत्नी पूजा का पूरा समय लाल की देखरेख में गुजर जाता है।
कृष्णदत्त बताते हैं कि आठ साल की उम्र में अंश को बुखार आया, प्लेटलेट्स कम होने लगे। दिल्ली लेकर पहुंचे, जहां जांच के बाद ब्लड कैंसर बताया। ये सुन उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। गोकुलपुरा का मकान बेचा, ककरैठा में बड़ी बहन पुष्पा तो कभी आवास विकास रहने वाले रिश्तेदार श्यामलाल के यहां रहना पड़ा।