बोडो उग्रवादियों को मार गिराने वाला एनकाउंटर को CRPF आईजी ने बताया फर्जी
CRPF IG told Bodo militants encounter fake
नई दिल्ली : असम के चिरांग जिले में बोडो के जिन दो उग्रवादियों को सुरक्षाबलों द्वारा मार्च में मुठभेड़ के दौरान मार गिराए जाने की ख़बरें आई थीं, उन्हें दरअसल पहले पकड़ा गया था, और फिर उनकी हत्या की गई थी।
यह बात शीर्ष अर्द्धसैनिक अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार को बताई है। अधिकारी ने इस मौतों को 'सोची-समझी हत्याएं' करार देते हुए इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की सिफारिश भी की है। रिपोर्ट तैयार करने वाले रजनीश राय केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के महानिरीक्षक (IG) हैं, और असम तथा पूर्वोत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में उग्रवाद-विरोधी बल के प्रभारी हैं।
घटना के आधिकारिक वर्णन के मुताबिक, 30 मार्च को एक संयुक्त ऑपरेशन के वक्त पुलिस पर चार-पांच लोगों ने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया था। पुलिस का दावा था कि इसी मुठभेड़ में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के दो संदिग्ध उग्रवादी मारे गए। मारे गए उग्रवादियों के पास से हथियार तथा गोला-बारूद भी बरामद किया गया था।