नक्सल समस्या से निपटने के लिए राजनाथ सिंह ने सुझाया 'समाधान'

Rajnath Singh suggested 'solution' to Naxal problem

Update: 2017-05-08 10:26 GMT
नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नक्सल समस्या से निपटने के लिए 8 सूत्रीय 'समाधान' सुझाते हुए नक्सल प्रभावित राज्य सरकारों से इसे 'लक्ष्य की एकता' के रूप में स्वीकार कर लागू करने को कहा है।

राजनाथ सिंह ने नक्सल प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि समाधान सिद्धांत के तहत कुशल नेतृत्व, कारगर खुफियातंत्र, ऐक्शन प्लान के स्टैंडर्ड, आक्रामक रणनीति, प्रोत्साहन और प्रशिक्षण, कारगर तकनीक, प्रत्येक रणनीति की ऐक्शन प्लान और नक्सलियों की फंडिंग को नाकाम करने की रणनीति को शामिल करने की जरूरत बताई।

नक्सल प्रभावित सभी राज्य सरकारों से नक्सली हिंसा के खत्मे को 'साझा लक्ष्य' मानते हुए ऐक्शन प्लान को लागू करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि 'बंदूक की नोंक पर विकास को रोकने और लोकतंत्र का गला घोंटने' के प्रयासों को नाकाम करने के लिए एकीकृत कमान का गठन कर साझा रणनीति को अपनाना होगा।

उन्होंने मौजूदा रणनीति के तहत नक्सल विरोधी अभियानों में नक्सली ठिकानों का पता लगाने में मानवरहित विमानों (UAV) के कम इस्तेमाल का जिक्र करते हुए इसे बढ़ाने को जरूरी बताया। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में सीआरपीएफ के 25 जवानों की मौत के दो सप्ताह बाद आयोजित इस सम्मेलन में गृहमंत्री ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि बंदूक की नोंक पर विकास बाधित करने और लोकतंत्र का गला घोंटने के प्रयास कभी सफल नहीं होंगे।'

गृह मंत्री ने पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए नक्सल विरोधी अभियानों को लागू करने में हर कदम पर आक्रामक कार्रवाई की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि नक्सल समस्या से निपटने की नीति से रणनीति और सुरक्षा बलों की तैनाती, सड़क निर्माण समेत अन्य विकास कार्यों को पूरा करने तक आक्रामक होने की जरूरत है।

सम्मेलन में पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंच सके। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।

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