RBI ने 500 और 2000 रुपये के नोटों को लेकर ये जानकारी देने से किया इंकार

Update: 2017-05-14 13:16 GMT
नई दिल्ली. आरबीआई के स्वामित्व वाली नोट प्रिंटिंग कंपनी ने कहा है कि 500 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई के लिए कागज के आयात की जानकारी देने से भारत की संप्रभुता प्रभावित होगी तथा एक तरह के अपराध को उकसावा मिल सकता है. नोट प्रिंटिंग कंपनी ने कहा है कि 500 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई के लिए कागज के इंपोर्ट की जानकारी देने से भारत की संप्रभुता प्रभावित होगी और एक तरह के अपराध को उकसावा मिल सकता है.

मीडिया में खबर आयी थी कि नये नोटों की छपाई के लिए इस्तेमाल में लाये गये कागज काली सूची में डाली गयी कंपनी से इंपोर्ट किये गये थे. इस लिहाज से आरबीआई प्रेस का सूचना देने से इंकार किया जाना अहम है. हाल ही में एक आरटीआई में देश में छपने वाले 500 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई के बारे में पूछा गया था. इस आरटीआई आवेदन के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) ने ऊंचे मूल्य के नोटों की छपाई के लिए कागजों के आयात से संबंधित सूचनाएं देने से इनकार कर दिया. 

बीआरबीएनएमपीएल ने आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा, ''सूचना नहीं दी जा सकती है क्योंकि यह सूचना के अधिकार कानून की धारा 8:1:ए: के दायरे में आती है.'' यह धारा किसी भी ऐसी सूचना का खुलासा किये जाने पर पाबंदी लगाती है जो भारत की संप्रभुता और एकता को पूर्वाग्रह के आधार पर प्रभावित करती हो, जो किसी अन्य देश के संदर्भ में भारत की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर असर डालती है या लोगों को अपराध के लिए प्रेरित करती है.

आरबीआई से उस कंपनी या आपूर्तिकर्ता का नाम बताने को कहा था जहां से करेंसी नोट का कागज इंपोर्ट किया जा रहा है. इसी के साथ उससे इंपोर्ट की मात्रा, सहमतिपत्र की प्रति भी मांगी गयी थी.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की ऐलान किया था.

इसके बाद 500 और 2000 रुपये के नये नोट नए डिजायन और बेहद एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स के साथ जारी किये गये हैं. रिजर्व बैंक का ये भी मानना है कि इन नोटों की असली जैसी नकल करना लगभग नामुमकिन है और ये नए नोट सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के लिहाज के मापदंड पर खरे उतरते हैं.

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