EVM को लेकर कपिल सिब्बल की बात सुप्रीम कोर्ट ने सुनी, EC को नोटिस भी दिया, फिर लगाई जो फटकार उसके बाद ......?
कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में हारने के बाद ईवीएम मशीन पर सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस पार्टी को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कांग्रेस को याद दिलाया कि उन्हीं की पार्टी की सरकार ईवीएम मशीन लेकर आई थी।
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जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर ने कहा, "मिस्टर सिब्बल, आपकी पार्टी ने ही ईवीएम मशीन की शुरुआत की थी। अब आप कैसे आरोप लगा सकते हैं और कैसे कह सकते हैं कि किसी दूसरे देश में इसका इस्तेमाल नहीं होता। ईवीएम मशीन बूथ कैप्चरिंग और दूसरी चीजों से बचने का उपाय है।" न्यायाधीश ने यह टिप्पणी मायावती नीत बसपा की याचिका पर सुनवाई के वक्त की। सुनवाई के दौरान कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि दक्षिण अमेरिका के अलावा किसी भी देश में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
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मायावती की तरफ से पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कोर्ट को बताया कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के बाद भी आज तक वीवीपीएट युक्त ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं हो सका है। चिदंबरम ने कहा कि आज भी 3000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की आयोग की अर्जी केन्द्र सरकार के पास लंबित है। आयोग इन पैसों का इस्तेमाल उन्नत ईवीएम मशीनों को खरीदने के लिए करेगा। उन मशीनों से साल 2019 के आम चुनाव होने हैं।
चिदंबरम ने दावा किया कि लगभग हर राजनीतिक दल ने ईवीएम के उपयोग का विरोध किया है वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भी इस मामले में दखल देना चाहती है। सिब्बल ने कहा कि हर तकनीक को हैक किया जा सकता है और यही हमारी चिंता का सबब है।'' सिब्बल का यह बयान काफी अहम है क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने एक समारोह में साफ कहा था कि उन्हें ईवीएम से कोई परेशानी नहीं है।
न्यायालय ने सिब्बल से कहा कि ईवीएम की शुरूआत जब हुयी थी, उस समय कांग्रेस सत्ता में थी। पीठ ने बसपा की याचिका पर केंद्र तथा चुनाव आयोग को तीन हफ्तों के अंदर जवाब देने को कहा। इसके पहले चिदंबरम ने ईवीएम की सटीकता को लेकर संदेह जताया।