गिरफ्तारी से बचने के लिए जस्टिस करनन हुए फरार, पुलिस लगी है पीछे

Where is justice Karnan? Police struggle to arrest judge convicted by SC

Update: 2017-05-10 12:12 GMT
उच्चतम न्यायलय द्वारा अवमानना के मुकदमें में छह माह की सजा के बाद दूसरे दिन कलकता उच्च न्यायलय के चीफ जस्टिस करनन गिरफ्तारी से बचने के लिए कलकत्ता से फरार होकर चेन्नई पहुंचे जहाँ वे स्टेट गेस्ट हाउस में रुके हुए थे ,उन्होंने अपने समर्थन में कुछ वकीलो को बुलाकर रखा था गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए । लेकिन कलकत्ता पुलिस जब आज वहां पहुची और उसने तमिलनाडु पुलिस को उच्चतम न्यायलय के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा तब जस्टिस करनन चुपके से वहां से आंध्र प्रदेश के श्रीकालाहस्ती नामक जगह के लिए निकल गए .
जस्टिस करनन को गिरफ्तार करने के लिए बंगाल के डीजीपी सुरजीत कर पुरकायसा स्वंय चेन्नई पहुचे हुए है और अब तमिलनाडु पुलिस के साथ सड़क मार्ग से कालाहस्ती के लिए प्रस्थान कर चुके हैं ।

किसी भी क्षण गिरफ्तारी हो सकती है ।
इसके पूर्व उच्चतम न्यायलय की सात सदस्यीय खण्डपीठ ने प्रिंट एंव इलेक्ट्रानिक मिडिया सहित सभी मिडिया पर सीएस करनन द्वारा पारित अगले किसी भी आदेश को प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है क्योकि उच्चतम न्यायलय पूर्व में ही जस्टिस करनन द्वारा कोई पारित करने पर रोक लगा चूका है वैसी स्थिति में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अगर करनन कोई आदेश पारित करते हैं तो वह अवैध होगा तथा उस आदेश का प्रकाशन भी अवमानना की श्रेणी में आएगा । 


उच्चतम न्यायालय ने न सिर्फ सजा सुनाई है बल्कि तुरन्त जस्टिस करनन को कस्टडी में लेकर आदेश का तामीला करने को कहा है। चूँकि यह सजा अवमानना के मामले में हुई है इसलिए गिरफ्तारी के बाद जस्टिस करनन जेल भेजे जाएंगे तथा सजा पर पुनर्विचार की याचना भी उन्हें उच्चतम न्यायालय की उक्त बेंच के समक्ष ही करना पड़ेगा। संभावना है कि गिरफ्तारी के बाद जेल जाने के उपरांत क्षमा मांगने पर उच्चतम न्यायालय उन्हें निंदा की सजा देकर उनके साथ रियायत बरते।

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